Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Nov, 2024 12:11 PM

shaktipeeth in bangladesh

Shaktipeeth in Bangladesh: बंगाल में बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच एक सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ था। मजदूरों का एक समूह लगातार काम किए जा रहा था। जमीन खोदते समय एक काली शिला निकली।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shaktipeeth in Bangladesh: बंगाल में बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच एक सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ था। मजदूरों का एक समूह लगातार काम किए जा रहा था। जमीन खोदते समय एक काली शिला निकली। पहले एक-दो मजदूरों ने उसे हटाने की कोशिश की, फिर काफी मजदूर इस कोशिश में लग गए, लेकिन शिला को उस स्थान से कोई हिला नहीं सका। तभी एक मजदूर ने शिला पर सब्बल से प्रहार किया। उसी समय पास के जंगल से एक सुंदर बालिका प्रकट हुई और उसने मजदूर को एक थप्पड़ मार दिया। सारे मजदूर अपलक सुंदर बालिका को देखते रह गए। पलक झपकते ही वह सबकी आंखों के सामने से ओझल हो गई। मजदूरों ने इस बात की जानकारी देवी प्रसाद को दी। देवी प्रसाद वहां के धनवान व्यक्ति थे, जो यह काम कर रहे थे। उन्हें भी बड़ा आश्चर्य हुआ। उस रात देवी महालक्ष्मी ने सपने में देवीप्रसाद को दर्शन दिया। देवी ने देवीप्रसाद से कहा, ‘‘देवीप्रसाद आदिशक्ति का रूप हूं, मुझे इस स्थान पर स्थापित कर दो और नित्य पूजा करो।’’

PunjabKesari Shaktipeeth in Bangladesh

देवीप्रसाद ने सुबह उठकर इस सपने की बात अपने इष्ट मित्रों को बताई। सभी ने इसे उन पर देवी माता की कृपा बताते हुए वहां पर एक मंदिर बनाने का सुझाव दिया। धनवान देवीप्रसाद ने लाखों ईंटों से देवी का मंदिर बनाने की व्यवस्था की लेकिन अगली रात देवीप्रसाद ने फिर से सपना देखा।

देवी देवीप्रसाद से कह रही थी, ‘‘देवी प्रसाद मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं, तुम मंदिर बना रहे हो, यह अच्छी बात है, लेकिन मुझे खुले में रहना पसंद है, बंद मंदिर बनाने की जरूरत नहीं है, तुम मुझे खुले में छोड़ दो।’’

देवी के आदेशानुसार, देवीप्रसाद ने देवी की पसंदानुसार, मंदिर का निर्माण किया। आज भी देवीप्रसाद के वंशज मंदिर की देख-रेख में लगे हुए हैं। यह मंदिर श्री शैल शक्तिपीठ (महालक्ष्मी भैरवी ग्रीबा) के नाम से जाना जाता है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक है, हमारे पड़ोसी देश बंगलादेश में।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सती के वियोग में सती के शरीर को लेकर जब महादेव ब्रह्मांड में घूम रहे थे, उस वक्त उन्हें विरक्त करने के लिए विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए। जहां-जहां पर उनके शरीर के टुकड़े गिरे, वहां-वहां पर शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। इस स्थान पर माता सती की ग्रीवा गिरी थी।

PunjabKesari Shaktipeeth in Bangladesh

Five Shakti Peethas in Bangladesh बंगलादेश में पांच शक्तिपीठ हैं-
Srishail-Mahalakshmi श्रीशैल- महालक्ष्मी
बंगलादेश के सिल्हैट जिले के उत्तर-पूर्व में जैनपुर गांव के पास शैल नामक स्थान पर माता का गला (ग्रीवा) गिरा था। इसकी शक्ति है महालक्ष्मी और भैरव को शंबरानंद कहते हैं।

Karatoya - Aparana करतोया - अर्पणा
बंगलादेश के शेरपुर बागुरा स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर भवानीपुर गांव के पार करतोया तट स्थान पर माता की पायल (तल्प) गिरी थी। इसकी शक्ति है अर्पणा और भैरव को वामन कहते हैं।

Yashor- Yashoreshwari यशोर- यशोरेश्वरी
बंगलादेश के खुलना जिला के ईश्वरीपुर के यशोर स्थान पर माता के हाथ और पैर गिरे (पाणिपद्म) थे। इसकी शक्ति है यशोरेश्वरी और भैरव को चंड कहते हैं।

PunjabKesari Shaktipeeth in Bangladesh

Chattal- Bhavani चट्टल- भवानी
बंगलादेश में चिट्टागौंग (चटगांव) जिला के सीताकुंड स्टेशन के निकट चंद्रनाथ पर्वत शिखर पर छत्राल (चट्टल या चहल) में माता की दाईं भुजा गिरी थी। इसकी शक्ति भवानी है और भैरव को चंद्रशेखर कहते हैं।

Jayantiya- Jayanti जयंतीया- जयंती
बंगलादेश के सिल्हैट जिले के जयंतीया परगना के भोरभोग गांव कालाजोर के खासी पर्वत पर जयंती मंदिर, जहां माता की बाईं जंघा गिरी थी। इसकी शक्ति है जयंती और भैरव को क्रमदीश्वर कहते।

PunjabKesari Shaktipeeth in Bangladesh

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!