श्रीमद्भागवत गीता: भीष्म तथा द्रोण की मज़बूरी

Edited By Jyoti,Updated: 27 Sep, 2020 05:03 PM

shrimad bhagwat geeta gyan in hindi

ऐसे महापुरुषों को जो मेरे गुरु हैं, उन्हें मार कर जीने की अपेक्षा संसार में भीख मांग कर खाना अच्छा है। भले ही वे सांसारिक लाभ के इच्छुक हों, किन्तु हैं तो गुरुजन ही। यदि उनका वध होता है तो हमारे द्वारा भोग्य प्रत्येक वस्तु उनके रक्त से सनी होगी।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रीमद्भगवद्गीता 
यथारूप 
व्याख्याकार : 
स्वामी प्रभुपाद 
साक्षात स्पष्ट ज्ञान का उदाहरण भगवद्गीता 

PunjabKesari, Shrimad Bhagwat Geeta Gyan, Shrimad Bhagwat Geeta, श्रीमद्भागवत गीता, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Mantra Bhajan Aarti, Vedic Mantra in hindi, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun, Religious Concept
श्लोक-
गुरुनहत्वा हि महानुभावान् श्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके।
हत्वार्थकामांस्तु गुरूनिहैव भुंजीय भोगन्रुधिरप्रदिग्धान्।। 

अनुवाद 
ऐसे महापुरुषों को जो मेरे गुरु हैं, उन्हें मार कर जीने की अपेक्षा संसार में भीख मांग कर खाना अच्छा है। भले ही वे सांसारिक लाभ के इच्छुक हों, किन्तु हैं तो गुरुजन ही। यदि उनका वध होता है तो हमारे द्वारा भोग्य प्रत्येक वस्तु उनके रक्त से सनी होगी।
PunjabKesari, Shrimad Bhagwat Geeta Gyan, Shrimad Bhagwat Geeta, श्रीमद्भागवत गीता, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Mantra Bhajan Aarti, Vedic Mantra in hindi, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun, Religious Concept
तात्पर्य
शास्त्रों के अनुसार ऐसा गुरु जो निंद्य कर्म में रत हो और जो विवेकशून्य हो, तयाज्य हैं। दुर्योधन से आर्थिक सहायता लेने के कारण भीष्म तथा द्रोण उसका पक्ष लेने के लिए बाध्य थे यद्यपि केवल आर्थिक लाभ से ऐसा करना उनके लिए उचित न था। ऐसी दशा में वे आचार्यों का सम्मान खो बैठे थे। किन्तु अर्जुन सोचता है कि इतने पर भी वे उसके गुरुजन हैं, अत: उनका वध करके भौतिक लाभों का भोग करने का अर्थ होगा, रक्त से सने अवशेषों का भोग।           
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!