Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Dec, 2025 08:13 AM

Skanda Sashti 2025 : हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व है। यह पावन दिन भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र, देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। आज यानी 25 दिसंबर 2025, गुरुवार को पौष मास की स्कंद षष्ठी मनाई जा रही है।
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Skanda Sashti 2025 : हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व है। यह पावन दिन भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र, देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। आज यानी 25 दिसंबर 2025, गुरुवार को पौष मास की स्कंद षष्ठी मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत रखने और भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों को साहस, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्रत संतान प्राप्ति और संतान की लंबी आयु के लिए भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।
पूजा के शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:42 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:05 से 02:46 तक।

भगवान कार्तिकेय की पूजा विधि
स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा शांत मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ करनी चाहिए।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें।
चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। साथ में भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा भी रखें।
भगवान कार्तिकेय को जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक कराएं।
उन्हें चंदन का तिलक लगाएं, अक्षत, पुष्प और धूप-दीप अर्पित करें।
कार्तिकेय जी को केसर युक्त दूध, श्रीखंड या गुड़ और चने का भोग लगाएं। दक्षिण भारत में उन्हें कंदमूल अर्पित करने की भी परंपरा है। पूजा के दौरान भगवान के शक्तिशाली मंत्रों का जाप करें।
स्कंद षष्ठी व्रत कथा पढ़ें या सुनें और अंत में कपूर से आरती करें।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासैन्याय धीमहि तन्नो स्कंद: प्रचोदयात॥ मंत्र का जाप करें।
