Stock Market Astrology: कुंडली में चंद्र खराब है तो STOCK MARKET से रहें दूर

Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Jun, 2025 12:28 PM

Stock Market Astrology: आज का ये आर्टिकल मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों के लिए है और यह पढ़ने के बाद आपको समझ में आएगा कि मार्केट में लोग इतना लूज क्यों कर जाते हैं ? पैसा इतना गवा क्यों देते हैं? सेबी जो हमारा मार्केट रेगुलेटर है उसका स्टडी...

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Stock Market Astrology: आज का ये आर्टिकल मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों के लिए है और यह पढ़ने के बाद आपको समझ में आएगा कि मार्केट में लोग इतना लूज क्यों कर जाते हैं ? पैसा इतना गवा क्यों देते हैं? सेबी जो हमारा मार्केट रेगुलेटर है उसका स्टडी बोलता है कि 90 से लेकर 95% लोग जो जो निवेशक हैं, वह शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में घाटे में जाते हैं और बहुत चंद लोग हैं जो मार्केट में पैसा कमाते हैं। तो यहां आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आपके कुंडली में कौन से ग्रहों का जो कॉम्बिनेशन है जो आपको मार्केट में सफलता दिला सकता है। यानी कि आप मार्केट में पैसे बहुत कमा सकते हैं, लेकिन वह पर्टिकुलर प्लेरी कॉम कॉम्बिनेशन आपके पास होना चाहिए। 

यदि आप किसी अच्छे विशेषज्ञ की सलाह लेंगे या किसी अच्छे एस्ट्रोल्डर की सलाह लेंगे, तो वह आपको कुंडली देखते ही बता देगा कि आपको मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं करना चाहिए। यह चीजें कुंडली देखते ही पता लग जाती हैं। सबसे पहले जो कुंडली है उसमें 12 भाव होते हैं। सबको पता है 12 भाव होते हैं। इसमें एक 11वां भाव आय का होता है। दूसरा भाव होता है धन का। जो कुंडली का दूसरा भाव होता है धन का यह बहुत इंपॉर्टेंट फैक्टर हैं। इन दोनों घरों का कारक होता है जुपिटर। जुपिटर कुंडली में भाग्य स्थान का भी कारक है, आय स्थान का भी कारक है, धन स्थान का भी कारक है, पंचम का भी कारक है। पंचम वैसे सुत भाव होता है लेकिन इजी गेंस आपको लाइफ में यहीं से मिलते हैं। यदि यह चार भाव आपकी कुंडली में अच्छे हैं, तो निश्चित तौर पर आपको मार्केट में सफलता मिल सकती है। लेकिन यह सिर्फ एक फैक्टर है। यहां पर कुंडली में साथ-साथ आपको भाव
भी बता रहे हैं। 

कुंडली में दूसरा ग्रह जो आपको सफलता दिलाता है, वह है दो भावों का स्वामी। आय स्थान का स्वामी और धन भाव का स्वामी। आय भाव और धन भाव का स्वामी अलग-अलग लग्नों में अलग-अलग हो सकता है। जैसे मान लीजिए मेष लग्न की पत्रिका है तो मेष लग्न की पत्रिका में आय भाव का स्वामी शनि हो जाएगा और आपका धन भाव का स्वामी शुक्र हो जाएगा। तो कुंडली में यह दोनों ही ग्रह अच्छे होने चाहिए। यदि हम कुंभ लग्न की पत्रिका निकालेंगे तो दोनों में ही गुरु ही जो है वह आय और धन भाव का स्वामी हो जाएंगे। यदि हम सिंह लग्न की पत्रिका निकालेंगे तो उसमें बुध ही वह आय और धन भाव दोनों के स्वामी हो जाएंगे। तो बुध का इन आय भाव और धन भाव के स्वामी होने के कारण के नाते होना भी अच्छा है। बुध का मार्केट का ट्रेड का कारक होने के कारण भी कुंडली में होना अच्छा है। तो मोटे तौर पर आय भाव, धन भाव, पंचम भाव आपका बुध गुरु और लग्न का स्वामी यदि यह मजबूत स्थिति में हैं तो निश्चित तौर पर आपको बाजार में अच्छे रिटर्न्स मिल सकते हैं। लेकिन यह सारे ग्रह अपनी जगह ठीक हैं।

एक ग्रह जो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है और जिसके बारे में बहुत कम चर्चा होती है, वह है आपका चंद्रमा। चंद्रमा आपके इमोशंस का कारक है। चंद्रमा के कारण ही आप मार्केट में ग्रीड या फियर फैक्टर का शिकार हो जाते हो क्योंकि मार्केट में इमोशंस का ट्रेड ज्यादा होता है। पैसे का कम होता है। आपको जो सौदा सस्ता लग रहा है, हो सकता है वह मुझे महंगा लग रहा हो।  यदि आपकी कुंडली में मून की पोजीशन ठीक नहीं है, तो आप इंट्राडे में ट्रेड अच्छे तरीके से नहीं कर पाओगे। इवन स्विंग ट्रेडिंग में भी आप थोड़े से घबरा जाओगे। आपने पोजीशन ले रखी होगी, आप पोजीशन घाटे में काटोगे। मान लीजिए आपने एक लॉन्ग टर्म पोजीशन ले लिया है। आपको लगता है कि मैं मार्केट में पैसा लेके निकलूूंगा और आपके पास सारे टेक्निकल फंडामेंटल सब कुछ ठीक है। आपको लग रहा है कि ठीक हो जाएगा। कोई दिक्कत नहीं है और मेरा जो ट्रेड है वह ऊपर ही जाने वाला है। शेयर ऊपर ही जाने वाला है। आपने वह शेयर ₹100 में खरीदा, ₹120 पे गया। आपके मन में या तो ग्रीड आ जाएगा या फियर आ जाएगा। मून की पोजीशन आपकी कुंडली में बहुत मैटर करती है। अब 90 से 95% निवेशक क्यों बाहर जा रहे हैं ? क्यों पैसे नहीं कमा पा रहे ? क्योंकि यहां पर एक और एस्ट्रोलॉजिकल रीज़न आपको देने की कोशिश करता हूं कि मून ज्यादा लोगों का खराब क्यों होता है ? मून खराब होने के बहुत सारे रीज़न है। 

मून यदि आपकी कुंडली में 6, 8, 12 में आ जाएगा तो खराब हो जाएगा। मून राहु, केतु एक्सिस में आ जाएगा खराब हो जाएगा। मून सूर्य के साथ आ जाएगा अल्टीमेटम अमावस का जन्म हो जाएगा, अस्त हो जाएगा। मून शनि के साथ आ जाएगा तो खराब हो जाएगा। मून मंगल के साथ आएगा तो भी खराब हो जाएगा, पाप प्रभाव तो आ ही जाएगा। कुछ कुंडलियों में मून मंगल के साथ आकर लक्ष्मी योग की फॉर्मेशन करदेगा लेकिन यदि वह वही मून मंगल के साथ 6,8, 12 में होगा तो वो खराब हो जाएगा।

लग्न में चंद्रमा आ जाए तो हम ज्यादा इमोशनल हो जाते हैं और पूर्णिमा के बाद जैसे शुक्ल पक्ष की सातवीं, आठवीं तिथि के बाद मून मजबूत हो जाता है। वैसे ही पूर्णिमा के बाद जो छठी या सातवीं तिथि है उसके बाद मून कमजोर होना शुरू हो जाता है क्योंकि मून घटना शुरू हो जाएगा ना। जैसे ही मून घटना शुरू हो जाएगा वो कमजोर हो जाएगा। तो मोटे तौर पर यदि हम मून की मजबूती देखें तो 30 में से लगभग 10 दिन ही मून मजबूत रहता है। 20 दिन मजबूत नहीं रहता। इसका मतलब जितने भी लोग पैदा हो रहे हैं एक महीने में लगभग 65% लोगों की कुंडली में मून इस तरीके से ही कमजोर हो जाएगा लेकिन यदि वो मून आपका पाप प्रभाव में आ जाएगा। 6, 8, 12 में चला जाएगा। राहु-केतु एक्सेस में चला जाएगा। तो वो मून भी खराब हो जाएगा। तो कुल मिलाकर 80-90% लोगों का मून ऐसे ही खराब हो जाता है। यह लोग इमोशंस के साथ जो है वह बैलेंस नहीं कर पाते। इसी कारण ही मार्केट में ट्रेड में लॉस होता है,  घाटे में सौदा काटते हैं। तो कुंडली में मून की पोजीशन सबसे इंपॉर्टेंट है,  गुरु तो रोल प्ले करेंगे। धन भाव का स्वामी अपना रोल प्ले करेगा। आय भाव का स्वामी अपना रोल प्ले करेगा। 12वां भाव स्पेकुलेशन का भाव होता है। उसका स्वामी या वो भाव अपना रोल प्ले करेगा लेकिन मून सबसे इंपॉर्टेंट है। यदि मून कुंडली में अच्छा नहीं है तो इंट्राडे ट्रेड में मत जाइए, आप फंस जाएंगे। आप हर बार सौदा काटेंगे, गलत जगह पर काटेंगे। 

किस दिन ट्रेड में फायदा हो सकता है ? वह भी आपका मून ही तय करता है। मान लीजिए आपकी राशि मेष है। यदि तीसरे भाव का मून हो जाएगा, मिथुन राशि का मून हो जाएगा। जिस दिन मिथुन राशि में मून होगा, उस दिन हो सकता है कि वह प्रॉफ़िट आपको अच्छा दिला जाए। एक तो मून का गोचर तीसरे भाव का अच्छा होता है। मून यहां से नाइंथ हाउस को आस्पेक्ट करता है। वह भाग्य का स्थान होता है। तो यह 54 आवर जब तक मिथुन राशि में है, वह 54 आवर आपके लिए अच्छे हो सकते हैं। यदि मेष राशि के जातकों के लिए मून छठे भाव में है तो भी वह गोचर में शुभ होता है। सप्तम का मून गोचर में शुभ होता है। दशम का मून गोचर में शुभ होता है। चंद्रमा के ऊपर से आपकी अपनी राशि के ऊपर से मून शुभ होता है। 11वें भाव का मून जो है वह शुभ होता है। इसका मतलब मेष राशि के जातकों के लिए मेष का मून, मिथुन का मून, कन्या का मून, तुला का मून, मकर का मून और
कुंभ का मून ये छह जगह पर गोचर में मून अच्छा हो जाएगा। 

मान लीजिए मेष राशि से आपका मून का गोचर ठीक है लेकिन सामुदायिक अष्टक वर्गमें आपकी मेष राशि की पॉइंटिंग ज़ीरो आ गई या एक आ गई तो वह मून आपके लिए कमजोर हो जाएगा।  सिर्फ एक फैक्टर यदि हम इमोशंस को कंट्रोल कर पाए तो हम बहुत सारा पैसा नुकसान होने वाला बचा लेंगे।
हमारे मुनाफे की गुंजाइश जो है वो थोड़ी सी ज्यादा बढ़ जाएगी। 

नरेश कुमार
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