सूर्य उच्च: 13 अप्रैल से इन राशियों के चमकेंगे सितारे

Edited By Updated: 10 Apr, 2025 02:59 PM

Sun Transit: सूर्य देव जो कि कुंडली में लग्न के कारक होते हैं। स्वास्थ्य के भी कारक सूर्य होते हैं। आपके करियर के भी कारक सूर्य हैं। इसके अलावा बॉडी में जो हड्डियां होती हैं, उसके कारक सूर्य हैं और हार्ट के कारक भी सूर्य हैं।

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Sun Transit: सूर्य देव जो कि कुंडली में लग्न के कारक होते हैं। स्वास्थ्य के भी कारक सूर्य होते हैं। आपके करियर के भी कारक सूर्य हैं। इसके अलावा बॉडी में जो हड्डियां होती हैं, उसके कारक सूर्य हैं और हार्ट के कारक भी सूर्य हैं। तो सूर्य बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं आपके करियर और हेल्थ के लिए। सूर्य अब उच्च राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 13 अप्रैल से यह गोचर होगा और अगले महीने 15 मई तक सूर्य इसी राशि में रहेंगे।  इस राशि में रहने के दौरान सूर्य के गोचर का कौन सी राशियों का लाभ होगा। इसके बारे में जानते हैं। सूर्य चूंकि पाप ग्रह है और पाप ग्रहों का गोचर 3, 6, 11 में अच्छा होता है। लेकिन सूर्य राहु केतु का गोचर दशम भाव में भी अच्छा होता है, तो सूर्य चूंकि चार राशियों के लिए अच्छे हो जाएंगे। सूर्य का गोचर मेष राशि में होगा। अह मेष राशि में  सबसे पहली जो राशि है। जिसको इसका फायदा होगा वह है कुंभ राशि। कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य जो है। वह आपकी कुंडली में तीसरे भाव में गोचर करेंगे।

जब सूर्य यहां पर तीसरे भाव में गोचर करेंगे तो सूर्य आपके लिए सप्तम भाव के स्वामी हो जाते हैं। सप्तम भाव आपके पार्टनर का भाव होता है क्योंकि वहां पर सूर्य की सिंह राशि आ जाएगी। आपके लाइफ पार्टनर का भाव भी यही है और आपके बिजनेस पार्टनर का भी भाव यही है। यदि कोई आप बिजनेस करना चाहते हैं। कोई पार्टनरशिप में काम करना चाहते हैं, तो सेवंथ का जो लॉर्ड है यानी कि सेवंथ हाउस का जो स्वामी है। वह अपने भाव से नाइंथ हाउस में चला जाएगा। जब एक राशि में गोचर करेंगे तो सेवंथ हाउस से नाइंथ हाउस में गुरु इसका गोचर होगा। सूर्य का तो निश्चित तौर पर यह गोचर अच्छा है। बिजनेस की पार्टनरशिप के लिहाज से लाइफ पार्टनर के लिहाज से भी अच्छा है। यदि आपके लाइफ पार्टनर को कोई फिजिकल प्रॉब्लम आ रही है, तो वहां पर यह गोचर उनकी मदद करेगा। अगर आपके लाइफ पार्टनर के साथ आपका कोई न कोई क्फ्लिक्ट चल रहा है, तो वहां पर हो सकता है कि चीजें थोड़ी सी अब सामान्य होनी शुरू हो जाए। कुंभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर पार्टनर के लिहाज से काफी अच्छा है और यहां पर सूर्य जब तीसरे भाव में रहेंगे तो आपके डिटरमिनेशन को भी थोड़ा सा मजबूत करेंगे। आपकी कॉन्फिडेंस को भी मजबूत करेंगे। आपके जो डिसीजन मेकिंग है वो यहां पर अच्छी हो जाएगी। उसका कारण यह ह सूर्य को काल पुरुष की काल पुरुष की तरह देखना है। कुंडली के लिहाज से तो वह पंचम के भी स्वामी हो जाते हैं। इसका भी आपको निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। 

अगली राशि जिसको इसका फायदा होने जा रहा है, वो है वृश्चिक राशि। वृश्चिक राशि मंगल की राशि है मंगल सूर्य आपस में मित्र भाव रखते हैं। यहां पर यह वृश्चिक राशि में देखेंगे तो सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव में गोचर करेंगे अब छठा रोग ऋण और शत्रु का भाव होता है और सूर्य का गोचर इस भाव से शुभ माना जाता है। रोग ऋण शत्रु के भाव से गोचर करने का मतलब यह है कि यदि आपके ऊपर कोई कोर्ट केस चल रहा है, तो वहां पर हो सकता है कि आपके पक्ष में चीजें होती हुई नजर आए। इस एक महीने के दौरान अल्टीमेटलीकि सूर्य सरकार भी है। सूर्य सत्ता भी है। जो व्यक्ति जजमेंट के ऊपर बैठा है जो भी न्यायाधीश है आपके मुकदमे में वहां पर चीजें आपके फेवर में जाती हुई नजर आ सकती हैं। 

 छठा भाव ऋण का भाव भी होता है। यहां से कर्जे की बात होती है। यहां से बीमारी की बात होती है क्योंकि सूर्य स्वास्थ्य के कारक हैं। खुद स्वास्थ्य के कारक सूर्य हैं, तो निश्चित तौर पर वृश्चिक राशि के जातकों को स्वास्थ्य लाभ भी बिल्कुल होना चाहिए। ये एक चीज है वो ज्यादा अच्छी हो जाएगी और इसके अलावा यहां पर यदि कर्ज की स्थिति है, तो कर्ज की स्थिति से भी आप थोड़ा सा उबर सकते हैं। अगली राशि जिसको इसका फायदा होगा वो है सूर्य की अपनी सिंह राशि क्योंकि सिंह राशि का जो स्वामी है, वो खुद ही सूर्य है और सूर्य क्योंकि भाग्य स्थान से गोचर करेंगे। सिंह राशि के जातकों के लिए तो यह गोचर अच्छा हो जाएगा।

 राशि के स्वामी का उच्च में जाना ही अच्छा है। हालांकि सूर्य का नाइंथ भाव का गोचर अच्छा नहीं होता। सूर्य 10वें 11वें भाव में अच्छा फल करते हैं। लेकिन चूंकि सूर्य यहां पर राशि के स्वामी हैं। इसलिए भाग्य स्थान से गोचर करना सूर्य का अच्छा हो जाएगा। पहले सूर्य अष्टम भाव में गोचर कर रहे थे। राहु केतु एक्सिस में थे। आपकी राशि के स्वामी का राहु- केतु का एक्सिस में चले जाना अष्टम भाव में चले जाना उसको ग्रहण लग जाना यह अच्छा नहीं था। अब यहां से निकलेंगे अपनी उच्च राशि में जाएंगे।  निश्चित तौर पर आपके लिए स्वास्थ्य का भी लाभ होगा। आपका कारोबार में भी वृद्धि होगी। आपके करियर में भी थोड़ा सा इसको आपको जरूर फायदा मिलेगा। अगली राशि जिसको इसका फायदा होगा वह है कर्क राशि। कर्क राशि के जातकों के लिए यहां पर सूर्य देख सकते हैं दशम भाव में गोचर करेंगे। दशम भाव में जब सूर्य गोचर करते हैं तो यहां पर दिगबली हो जाते हैं। यही करियर का भाव होता है। यहां से ही हम कारोबार देखते हैं। यहां से ही हम बिजनेस देखते हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कर्क राशि वैसे भी सिंह राशि सूर्य की मित्र राशि है क्योंकि सूर्य और चंद्रमा आपस में मित्र भाव रखते हैं।  इसका मतलब यह हुआ कि जब दशम भाव में सूर्य का गोचर है और कर्क राशि के जातक जो हैं वह निश्चित तौर पर बहुत ज्यादा मेहनत करेंगे। इस अवधि के दौरान एक महीना आपके लिए कर्म के लिहाज से बहुत अच्छा रहेगा। बहुत ज्यादा आप एनर्जी में फील करेंगे। आपका उत्साह जो है वह बहुत हाई लेवल पर रहेगा। यदि आप सरकारी काम करते हैं, तो ऑफिसर आपकी सुनना शुरू करेंगे। यदि आप प्राइवेट काम करते हैं, तो कार्यस्थल पर आपका प्रभाव निश्चित तौर पर बढ़ेगा। यह आपके लिए बहुत अच्छी बात है। यहां पर कर्क राशि के जातकों को कारोबार में भी वृद्धि हो सकती है और कार्यस्थल पर आपकी पोजीशन भी अच्छी हो सकती है। 

अगली राशि जिसको इसका फायदा होने जा रहा है। निश्चित तौर पर वो है मिथुन राशि। मिथुन राशि बुध की राशि है। यहां पर 11वें भाव से सूर्य का गोचर होगा। 11वें भाव से सूर्य का गोचर होने का मतलब यह है कि आपके तीसरे भाव के स्वामी जो है। वह अच्छी स्थिति में आ गए। जब तीसरा भाव का स्वामी अच्छी स्थिति में आता है, तो तीसरा भाव आपके सिबलिंग्स का भाव होता है। आपके भाइयों के साथ आपकी अंडरस्टैंडिंग थोड़ी सी बेटर हो जाएगी। वहां पर कोई दिक्कत चल रही है, तो वहां पर चीजें आपको बेटर होती हुई नजर आएंगी। 

जब सूर्य यहां पर आय भाव से गोचर करेंगे तो निश्चित तौर पर आपकी आय में भी वृद्धि करने का काम करेंगे। सूर्य यहां पर आपको पोजीशन भी दिलवा सकते हैं क्योंकि यह जो भाव होता है यह एलिवेशन का भाव होता है। यह इच्छाओं का भाव होता है, तो यहां पर सूर्य आपको जो है यह पोजीशन भी दिलवा सकते हैं। आपकी आय में वृद्धि कर सकते हैं। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ा सकते हैं। यह पांच राशियां हैं। जिनको सूर्य के इस गोचर का यानी कि सूर्य के उच्च होने का बहुत लाभ मिलेगा यदि आपकी कुंडली में सूर्य की पोजीशन वीक है। सूर्य राहु केतु एक्सिस में है। सूर्य अष्टम या 12वें भाव में पड़े हुए हैं। सूर्य मंगल के साथ हैं या शनि के साथ हैं, तो निश्चित तौर पर आपको सूर्य की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।

उपाय- सूर्य के बीज मंत्र ओम भास्कराय नमः उसका जप कर सकते हैं या सूर्य रविवार के दिन गुड़ का गेहूं का या घी का दान कर सकते हैं। यदि आपके पिता घर पे हैं या जीवित हैं, तो आप पिता का आशीर्वाद डेली लीजिए। सूर्य को जल दीजिए। 

नरेश कुमार
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