Edited By Jyoti,Updated: 09 Apr, 2020 01:23 PM
वैसाख मास का आरंभ हो चुका है, जिसके शुरू होते ही हर कोई विष्णु भगवान की पूजा करने में व्यस्त हो जाता है. कहा जाता है इस दौरान दान आदि के साथ-साथ श्री हरि की पूजा का भी अधिक महत्व होता है।
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वैसाख मास का आरंभ हो चुका है, जिसके शुरू होते ही हर कोई विष्णु भगवान की पूजा करने में व्यस्त हो जाता है. कहा जाता है इस दौरान दान आदि के साथ-साथ श्री हरि की पूजा का भी अधिक महत्व होता है। धार्मिक शास्त्रों में श्री हरि को जगत का पालन हार कहा गया है। यही कारण है कि हर कोई इन्हें प्रसन्न कर इनकी कृपा का पात्र बनना चाहता है। मगर बहुक से ऐसे लोग हैं जिन्हें आज भी इस बात की कोई जानकारी नहीं है आख़िर इन्हें प्रसन्न करने की सही विधि है? कौन से वो कार्य का जिन्हें करने से इनका आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है? इन्हें प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय क्या है?
अगर आपके दिमाग में ये प्रश्न हैं तो बता दें आपके इन प्रश्नों का उत्त आज आपको मिल जाएगा। क्योंकि हम आपको इन्हें खुश करने की सबसे सरल विधि बताने वाले हैं। जो न कोई मंहगा उपाय है न किसी बहुत कठिन शब्दों वाली स्तुति। बल्कि ये तो हैं श्री हरि बहुत ही साधारण पर चमत्कारी मंत्र। जिनका उच्चारण करना भी कठिन नहीं है। तो आइए जानते हैं श्री हरि को मनाने व उनकी कृपा पाने के धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में बताए गए दिव्य मंत्र चमत्कारी मंत्रों के बारे में-
नारायण का दिव्य मंत्र-
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् ।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
शास्त्रों के अनुसार उपरोक्त मंत्र श्री हरि नारायण का वो दिव्य व चमत्कारी मंत्र माना जाता है जिसका अगर किसी प्रकार की विपदा आदि के दौरान जाप किया जाए तो विपदा खुद ब खुद टल जाती है।
इसके अलावा जो लोग हर समय किसी न किसी प्रकार के तनाव में रहते हैं और लाख कोशिश के बाद भी इससे निकल न पा रहे हो और उन्हें इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नज़र न आ रहा हो तो श्री हरि की शरण उनकी मदद कर सकती ही।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
मान्यता है उपरोक्त दियए गए मंत्र का जप किसी भी व्यक्ति को तनाव से मुक्ति दिला सकता है। विष्णु गायत्री मंत्र मंत्र के बारे में कहा जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा प्रदान करवाने वाला ये महामंत्र माना गया है, क्योंकि जगतजननी गायत्री की 24 देवशक्तियों में भगवान विष्णु एक हैं. इस महामंत्र के स्मरण मात्र से सारे कार्य बाधा, दु:ख और संताप दूर हो जाते हैं।