Edited By Lata,Updated: 09 Jun, 2021 11:01 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार 10 जून यानी कल वट सावित्री व्रत का पालन किया जाएगा। आपको बता दें कि ये व्रत सुहागिन
हिंदू पंचांग के अनुसार 10 जून यानी कल वट सावित्री व्रत का पालन किया जाएगा। आपको बता दें कि ये व्रत सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इसके साथ ही कल शनि जयंती मनाई जाएगी और साथ ही कल इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार इस देवी सावित्री ने मृत्यु के देवता यमराज से अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस मांग लिए थे। तभी हर सार सुहागिन महिलाएं भी अपने पति की सलामती और लंबी उम्र की कामना से व्रत रखकर पूजा आराधना करती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजन के बाद मंत्र जाप जरूर करना चाहिए, तभी व्रत का फल मिलता है, तो आज हम आपको पूजन विधि और उसी विशेष मंत्र का बारे में बताने जा रहे हैं।
पूजन-विधि
व्रती महिलाएं वट सावित्री व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने ईष्ट देव के समक्ष व्रत करने का संकल्प लें। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक अमावस्या तिथि रहेगी, इसलिए पूरे दिन में अपनी सुविधानुसार विधिवत बरगद पेड़ का पूजन करें। पूजन में 24 बरगद के फल, 24 पूरियां अपने आंचल में रखकर वट वृक्ष का पूजन किया जाता है। पूजा में 12 पूरियां और 12 बरगद फल को हाथ में लेकर वट वृक्ष पर अर्पित करें।
इसके बाद एक लोटा शुद्धजल चढ़ाएं, फिर वृक्ष पर हल्दी, रोली और अक्षत से स्वास्तिक बनाकर पूजन करें। धूप-दीप दान करने के बाद कच्चे सूत को लपेटते हुए 12 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें। एक परिक्रमा के बाद एक चने का दाना भी छोड़ते रहे। फिर 12 कच्चे धागे वाली माला वृक्ष पर चढ़ाएं और दूसरी खुद पहन लें। शाम को व्रत खोलने से पहले 11 चने दाने और वट वृक्ष की लाल रंग की कली को पानी से निगलकर अपना व्रत खोले।
इसके बाद एक लोटा शुद्धजल चढ़ाएं, फिर वृक्ष पर हल्दी, रोली और अक्षत से स्वास्तिक बनाकर पूजन करें। धूप-दीप दान करने के बाद कच्चे सूत को लपेटते हुए 12 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें। एक परिक्रमा के बाद एक चने का दाना भी छोड़ते रहे। फिर 12 कच्चे धागे वाली माला वृक्ष पर चढ़ाएं और दूसरी खुद पहन लें। शाम को व्रत खोलने से पहले 11 चने दाने और वट वृक्ष की लाल रंग की कली को पानी से निगलकर अपना व्रत खोलें।
पूजन के बाद इस मंत्र का जप
पूरे विधि विधान से पूजन करने के बाद सुहागिन माता, बहनें अपने जीवन साथी अपने पति की लंबी उम्र की कामना से सबसे पहले 108 बार महामृत्युजंय मंत्र का जप करें। इसके बाद 108 बार ही इस यम मंत्र का जप करें। यम मंत्र ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे, महाकालाय धीमहि। तन्नो यम: प्रचोदयात्।