Venkateswara Temple Tirumala: तिरुमाला की 7 पवित्र श्रृंखलाएं, जहां हर शिखर है श्रद्धा का प्रतीक

Edited By Updated: 13 Jul, 2025 02:31 PM

venkateswara temple tirumala

गोमती नदी के तट पर नैमिषारण्य के घने जंगलों को यज्ञ तथा ज्ञान सत्रों इत्यादि के लिए अति पवित्र माना जाता है। इसी तपोभूमि पर महाऋषि सूत ने साधुओं को भगवान श्री वैंकटेश्वर के तिरुमाला पर्वतों में स्थित इस महान पीठ का महिमापूर्ण भेद बतलाया कि सांसारिक...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Venkateswara Temple Tirumala: गोमती नदी के तट पर नैमिषारण्य के घने जंगलों को यज्ञ तथा ज्ञान सत्रों इत्यादि के लिए अति पवित्र माना जाता है। इसी तपोभूमि पर महाऋषि सूत ने साधुओं को भगवान श्री वैंकटेश्वर के तिरुमाला पर्वतों में स्थित इस महान पीठ का महिमापूर्ण भेद बतलाया कि सांसारिक वैभव, यश  तथा ज्ञान प्रदान करने के साथ मानव जाति के कल्याण हेतु ही भगवान ‘तिरुपति’ में प्रकट हुए थे।

कथानुसार जब श्री कृष्णावतार के काफी समय बाद धरती पर कोई अवतार प्रकट न हुआ तो भूलोक पर बढ़ते हुए उत्पीड़न व पाप पर अंकुश लगाने हेतु श्री नारायण (भगवान) ने नारद जी के साथ मिलकर एक लीला रची। नारद जी के आग्रह पर दुर्वासा ऋषि भगवान विष्णु के निवास श्री बैकुंठ धाम पहुंचे। भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा में ध्यानस्थ होने के कारण दुर्वासा ऋषि के आगमन को महसूस न कर सके। स्वयं को उपेक्षित महसूस कर दुर्वासा ऋषि ने क्रोध के वशीभूत हो भगवान विष्णु के वक्षस्थल पर अपने पांव से जोरदार प्रहार किया परंतु दया के सागर व विनम्रता के पुंज विष्णु भगवान इस पर श्री दुर्वासा ऋषि के पांव ही दबाने लगे तथा दुर्वासा ऋषि को उनकी भूल का एहसास करवाया। भगवान विष्णु के वक्षस्थल पर तीव्र प्रहार से एक विशिष्ट तेजस्वी शक्ति का संचार हुआ जो दक्षिण भारत में तिरुमाला पर्वत की पहाड़ियों पर जाकर स्थिर हो गई। बाद में इन्हीं पहाड़ियों में भगवान श्री वैंकटेश्वर जी के तिरुपति शक्तिपीठ प्रकट हुए।

PunjabKesari Venkateswara Temple Tirumala

मान्यतानुसार आज से लगभग डेढ़ हजार वर्ष पूर्व दक्षिण भारत में चोल वंश के शासनकाल के दौरान भगवान विष्णु श्रीनिवास ग्वाले के रूप में अवतरित हो एक गरीब पुजारिन वकुल देवी के घर पले-बढ़े। इन्हीं श्रीनिवास द्वारा ही इस अति तेजस्वी पीठ का पता लगाया गया। आज भी मंदिर कपाट खुलने के बाद सर्वप्रथम दर्शन ग्वाल वंशज द्वारा ही किए जाते हैं।

मान्यता है कि मंदिर गर्भगृह की लगभग 100 वर्ग फुट की भूमि श्री वाराहस्वामी (गणेश जी) द्वारा ही भगवान वैंकटेश्वर को प्रदान की गई थी जहां आज श्री वैंकटेश्वर भगवान का हीरे जड़ित अति तेजस्वी स्वरूप स्थापित है। गर्भगृह के सामने प्रांगण में एक सोने का विशाल स्तम्भ स्थापित है जबकि मंदिर के गर्भगृह के भीतरी भाग को सोना चढ़ाकर पूर्ण रूप से स्वर्ण मंडित किया गया है।

PunjabKesari Venkateswara Temple Tirumala

आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर से तिरुमाला पर्वतमाला 22 किलोमीटर दूर है। मंदिर आने वालों को कम्प्यूटरीकृत नम्बर द्वारा दर्शन का समय दे दिया जाता है, तब तक व्यक्ति तिरुमाला तथा तिरुपति में अन्य दर्शनीय स्थल देख सकता है। मंदिर में भगवान को विशेष प्रकार के लड्डू का भोग लगता है। तिरुपति बोर्ड विश्व के सर्वाधिक अमीर मंदिरों में से एक है जिसकी अनुमानित वार्षिक आय 4400 करोड़ रुपए से भी अधिक है।

अधिक चढ़ावा देकर विशेष दर्शन व पूजा की सुुविधा भी उपलब्ध है। इस प्रकार अर्जित धन का प्रयोग कई सामाजिक कार्यों जैसे अनाथालय, अस्पताल, पशु चिकित्सा केंद्र, स्कूल तथा उच्च शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटी इत्यादि चलाने में होता है। स्थानीय भाषा में वैंकटेश्वर का अर्थ है पापनाशक अथवा पाप विमोचक परमात्मा। विष्णु तथा लक्ष्मी जी की शक्ति से उपजा यह तीर्थ प्राचीन काल से ही बड़े राजा-महाराजाओं तथा मुनियों का आराध्य था।

दक्षिण भारत के शासकों जिनमें कांची के चोल, मदुरै के पांडेय तथा विजयनगर राज्य के अलावा मराठों का भी यह आराध्य तीर्थ रहा है। आदि शंकराचार्य जब तिरुपति आए तो दर्शन कर इतने विभोर हुए कि अपना चक्रम प्रभु चरणों में रख कर ‘भज गोविंदम’ नामक संस्कृत का महापद्य गाकर रच दिया। सम्राट अकबर के मंत्री राजा टोडरमल ने भी इस मंदिर के विकास में बहुत योगदान दिया। 853 मीटर की ऊंचाई पर 7 पवित्र पर्वत शृंखलाओं पर स्थित इस मंदिर में वर्ष भर में लगभग 2.4 करोड़ श्रद्धालु आते हैं।

PunjabKesari Venkateswara Temple Tirumala
 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!