Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Oct, 2018 07:47 AM
नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के नव रूपों की पूजा होती है। देवी दुर्गा के नौ रूप हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंधमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं।
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नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के नव रूपों की पूजा होती है। देवी दुर्गा के नौ रूप हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंधमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं। नवरात्र में देवी की साधना और अध्यात्म का अद्भुत संगम होता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाए तो देवी का आशीर्वाद मिलता है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साल में चार बार मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र आते हैं। चैत्र या वासंतिक नवरात्र व आश्विन या शारदीय नवरात्र, जबकि इसके अतिरिक्त दो और नवरात्र भी हैं, जिनमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। इन नवरोत्रों को गुप्त नवरात्र कहते हैं। वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं- माघ शुक्ल पक्ष व आषाढ़ शुक्ल पक्ष में। इस प्रकार कुल मिला कर वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। यह चारों ही नवरात्र ऋतु परिवर्तन के समय मनाए जाते हैं।
10 अक्तूबर से लेकर 18 अक्तूबर तक नवरात्र मनाए जाएंगे। इन नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों का पूजन होगा। इन नौ दिनों में व्रत रखने का भी बहुत महत्व है। आईए जानें, नवरात्र में किस दिन होगी देवी के कौन से रूप की पूजा।
10 अक्टूबर, प्रतिपदा - नवरात्र के पहले दिन घट अथवा कलश स्थापना के साथ होगी प्रथम देवी शैलपुत्री और दूसरी देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा।
11 अक्टूबर, द्वितीया - नवरात्र के दूसरे दिन होगी ब्रह्मचारिणी की पूजा।
12 अक्टूबर, तृतीया - नवरात्र के तीसरे दिन होगी चंद्रघंटा की पूजा।
13 अक्टूबर, चतुर्थी - नवरात्र के चौथे दिन होगी कूष्मांडा की पूजा।
14 अक्टूबर, पंचमी - नवरात्र के पांचवें दिन होगी स्कंदमाता की पूजा।
15 अक्टूबर, षष्ठी - नवरात्र के छठे दिन होगी कात्यायनी की पूजा।
16 अक्टूबर, सप्तमी - नवरात्र के सातवें दिन होगी कालरात्रि और सरस्वती की पूजा।
17 अक्टूबर, अष्टमी - नवरात्र के आठवें दिन होगी महागौरी की पूजा, दुर्गा अष्टमी और कंजक पूजन।
18 अक्टूबर, नवमी - नवरात्र के नौवें दिन होगी सिद्धिदात्री की पूजा नवमी हवन और पारण।
19 अक्टूबर, दशमी - दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी।
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