Exclusive Interview: 'हमारे लिए इंस्पिरेशन हैं बच्चे' : आदित्य सील

Edited By Auto Desk,Updated: 14 Nov, 2022 04:06 PM

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फिल्म की प्रमोशन में जुटे आदित्य और निकिता से खास बातचीत

मुंबई। अभिनेता आदित्य सील और निकिता दत्ता की फिल्म रॉकेट गैंग सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। दोनों फिल्म की प्रमोशन में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में वे दिल्ली पहुंचे। फिल्म के कुछ अनुभवों, कहानी के बारे में दोनों ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।

Q. कैसा फील कर रहे हैं आप अपनी मूवी के बारे में?

A. निकिता: अकम्पलिश वाली फीलिंग आ रही है। क्योंकि ये फिल्म 3 साल पहले शुरू की थी। आप जानते हैं कि 3 सालों में दुनिया जिन चीजों से गुजरी है, लॉकडाऊन के ऊपर लॉकडाऊन, एक कोविड वेव के ऊपर दूसरी, तो फिल्म के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। हम शूट करने जाते, कोविड वेव आ जाती, लॉकडाउन हो जाता। हम दूसरी बार ट्राई करते हैं तो डायरेक्टर को कोविड हो जाता। तीसरी बार सभी को कोविड हो जाता है, उसके बाद नई वेव आ जाती है तो काफी सारी रुकावटों और मुसीबतों के बाद, फाइनली अब फिल्म रिलीज हो रही है।

A. आदित्य: फिल्म की शुरुआत जिस दिन होनी थी, सैट तैयार था, प्रोड्यूसर ने काफी खर्चा किया था। शूङ्क्षटग से दो दिन पहले लॉकडाऊन अनाउंस हो गया। हम सैट को वहां पर ऐसी ही रखा कि शायद नई चीज है कि कब खुलेगा, क्या होगा।

Q. आदित्य आप काफी को-स्टार्स के साथ काम कर चुके हैं। इस फिल्म में पहली बार गु्रप ऑफ चिल्ड्रन के साथ काम किया है। एक्सपीरियंस कैसा था?

A. उत्तर: हमने बच्चों के साथ काफी मजे लिए, काफी मस्ती, हंसी-मजाक किया। काफी लोग कहते हैं कि बच्चों के साथ शूट करना काफी मुश्किल होता है, अनप्रिडिक्टेबल होते हैं। हमें ऐसी कोई प्रॉब्लम नहीं हुई। हमारे लिए बहुत सरप्राइङ्क्षजग था कि बच्चे इतने अंडरस्टैंङ्क्षडग थे, हद से ज्यादा मैच्योर थे। बहुत आसान था उनके साथ काम करना। हम जानते थे कि वो डांसर है, डांस तो ऐसे ही कर लेंगे।

मुझे लगा उनसे एक्टिंग करवाना एक बहुत बड़ा चैलेंज होगा। मैं समझ नहीं पाया कि ऐसी क्या पावर है कि दो मिनट में इमोशन चेंज कर लेते हैं। एक बार वो रो रहे हैं और सीन खत्म होने के बाद रोते रहे तो उन्हें गले लगाया। वो मूवमैंट बॉस्को सर ने बहुत अच्छे से कैप्चर भी किया है। इन बच्चों में जो डिटॢमनेशन है वो बहुत कम दिखाया देता है। ये बच्चे हमारे लिए इंस्पिरेशन हैं।

Q. फिल्म के ट्रेलर में एक मां पर बेस्ड एक इमोशनल गाना है, उसके बारे में हमें कुछ बताएं?

A. आदित्य: बॉस्को सर ने कहा कि मां पर एक गाना 'मां की गोदी' बनाना है। उसे फिल्म में लोरी की तरह यूज किया है। जब आप सुनेंगे,विजुअल देखेंगे तो आपका दिल छू लेगा। जब हम भी सुनते हैं, विजुअल देखते हैं तो रोना आ जाता है। बच्चों ने भी गाने में बहुत अच्छा काम किया है।

A. नितिका: 10 सालों में हम देखेंगे तो मां को डेडिकेटिड गाने बहुत कम बने हैं। मुझे तो सिर्फ दो गाने ध्यान आते हैं 'लुकाछिपी और तारे जमीं परÓ। हमने कुछ नया करने का प्रयास किया है, जो मां डेडिकेटिड है।

Q. इस फिल्म में आपको क्या नया सीखने को मिला?

A. आदित्य: बहुत इनोसेंट सी स्टोरी है। बहुत टाइम लग गया फिल्म बनने में, काफी बार लगा कि कहीं बीच में ही न रोकनी पड़े। ये एक आदमी, बॉस्को सर का विजन था कि मुझे बनाने में 11 साल लग गए और बिना कम्प्रमाइज पूरी करनी है। जिस प्रकार फिल्म बनाई है, उससे बॉस्को सर के लिए इज्जत और भी बढ़ गई है।

A.नितिका: ये पूरी तरह वन मैन शो है। हां मानती हूं लोगों ने भी सपोर्ट किया है। इन तीन सालों में बहुत ऑप्टिकल आए हैं। हम इन चीजों से उभर पाए तो सिर्फ बॉस्को सर की वजह से।

Q. अगर बच्चे इस फिल्म को देखने जाएंगे तो क्या मोरल ऑफ द स्टोरी एस्पेक्ट कर सकते हैं?

A. ईमानदारी से कहूं तो बहुत सारे मोरल्स हैं। वन लाइनर्स आपको बहुत मिलेंगे जो बच्चों को अच्छी सीख दे सकते हैं। मेन मकसद बच्चों को एंटरटेन करना है। जैसा कि आपने कहा, उनके एज ग्रुप के लिए, उन्हें एंटरटेन करने के लिए कुछ है नहीं। जो भी है बहुत कम है। काफी टाइम हो गया है जब बच्चों के लिए कोई फिल्म आई थी। ङ्क्षहदी सिनेमा में बहुत वक्त के बाद ऐसी फिल्म आ रही है जिसे बच्चों के साथ देख सकते हैं। चिल्ड्रन डे पर बच्चों को फिल्म दिखाकर एंजॉय कर सकते हैं।

Q. बच्चे एक सीन में उइजा बोर्ड इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या आपने कभी बचपन में स्पिरिट बुलाने की कोशिश की है?

A. नितिका: मैंने सुना बहुत है। असल में, मैं कॉलेज में हॉस्टल में रहती थी। तब याद है कुछ लड़कियां ऐसा करती थी। इतना डर फैला हुआ था कि ये लड़कियां करती हैं तो हो सकता है कुछ हो, हॉस्टल में। एग्जाम के टाइम पर आधी रात को पढ़ रहे होते थे और बाइचांस पानी गर्म करना है तो एक फ्लोर ऊपर जाना होता था, क्योंकि माइक्रोवेव ऊपर है। तब कॉरीडोर में चलते हुए ऐसा लगता था कि जैसे कोई आपके पीछे भाग रहा है। डर बहुत लगा लेकिन कभी ट्राई नहीं किया।

आदित्य: जिस चीज की समझ नहीं, उससे पंगा कभी मत लो।

Q. आपकी फिल्म रिलीज हो रही है, आप लोगों को क्या मैसेज देना चाहेंगे फिल्म के बारे में?

A. आदित्य : सिम्पल मैसेज है कि प्लीज 11 तारीख को बच्चों के साथ फिल्म देखें और इंजॉय करें। बहुत वक्त के बाद एक ऐसी फिल्म बनी है जो बच्चों के साथ देख सकते हैं। मेरी गारंटी कि जितनी देर भी आप फिल्म देखेंगे एंटरटेन होकर निकलेंगे। चिल्ड्रन डे पर हमारी ओर ये बच्चों के लिए गिफ्ट है। इसमें से बच्चे खुश होकर निकलेंगे और कुछ न कुछ सीख कर निकलेंगे।

A. नितिका: हम ये कह रहे हैं कि फिल्म बच्चों के लिए बनाई है। ये फिल्म पेरेंट्स के लिए भी है। आपके बच्चे एक ऐसी फिल्म देखने वाले हैं जिससे आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

Q. फिल्म का नाम है रॉकेट गैंग। अगर आप फिल्म के ट्रेलर देखें तो आप रिलेट नहीं कर पाते। तो 'रॉकेट गैंग' क्या है?

A. फिल्म में आपको बहुत से मैसेज मिलेंगे। उसी तरह रॉकेट गैंग नाम भी एक मैसेज से रिलेटेड है। जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा। आप पूछ रहे थे कि बच्चे क्या सीखेंगे, उन्हीं में से एक चीज है।

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