Review: हैरतअंगेज जज्बे और जिंदगी से जंग की भावुक कहानी है ‘आई वांट टू टॉक’, शानदार लगे अभिषेक बच्चन

Updated: 22 Nov, 2024 11:46 AM

i want to talk movie hindi review

यहां पढ़ें कैसी है फिल्म आई वांट टू टॉक

फिल्म- आई वांट टू टॉक (I Want To Talk)
स्टारकास्ट- अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan)अहिल्या बमरू (Ahilya Bamru), जॉनी लीवर (Johnny Lever) जयंत कृपलानी (Jayant Kriplani)
निर्देशन- शुजित सरकार (Shoojit Sircar)
रेटिंग- 3*

I Want To Talk : आई वांट टू टॉक यानि मैं बात करना चाहता हूं बस इसी शीर्षक के साथ और इसी कश्मकश के साथ उलझी हुई कहानी है अभिषेक बच्चन की नई फिल्म आई वांट टू टॉक। कहानी एक ऐसे इंसान की है जिसमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की अपार क्षमता है। जिसे पता है कि उसके पास जीने के लिए केवल 100 दिन हैं। लेकिन वो व्यक्ति मौत को हराने की कोशिशों में जुटा हुआ है। शूजित सरकार की 'आई वांट टू टॉक' आज यानि 22 नवंबर को बड़े पर्दे पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म में अभिषेक बच्चन के अलावा अहिल्या बमरू, जॉनी लीवर और जयंत कृपलानी मुख्य भूमिकाओं में हैं। आईए जानते हैं कैसी है ये फिल्म।

कहानी
‘आई वांट टू टॉक’ अर्जुन (अभिषेक बच्चन) की कहानी है, जो एक सफल आईआईटी और एमबीए ग्रेजुएट है। अमेरिका में अपने सपनों को जीते हुए उसकी ज़िंदगी में अचानक एक ऐसा मोड़ आता है, जो सबकुछ बदल देता है। उसे ‘लाइरेंजियल कैंसर’ का पता चलता है, और डॉक्टर्स उसके पास जीने के लिए केवल 100 दिनों से कम समय का अंदाज़ा लगाते हैं।
अर्जुन अपनी नौकरी खो देता है, सर्जरी के दर्द और मौत के साये के बावजूद वह हार नहीं मानता। यह कहानी उस व्यक्ति की है, जो मौत को चकमा देने और जीने की जिद में जिंदगी का हर पल जीतने की कोशिश करता है। 20 से अधिक सर्जरी, व्यक्तिगत जिम्मेदारियां, और जीवन को अंत तक जीने की उसकी इच्छा फिल्म की आत्मा है। उसके जीवन में और कौन कौन से कठिन पड़ाव आते हैं जिनसे वह जंग लड़ता है यह जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।

डायरेक्शन
फिल्म का निर्देशन शुजित सरकार ने किया है, जो ‘अक्टूबर’ और ‘पीकू’ जैसी फिल्मों से पहले ही अपनी पहचान बना चुके हैं। इस फिल्म में भी उन्होंने अपनी वही सादगी और गहराई रखी है। शुजित की फिल्में जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं को बड़े पर्दे पर खूबसूरती से पेश करती हैं। हालांकि, ‘आई वांट टू टॉक’ में कहानी का विस्तार थोड़ा सीमित लगता है। अर्जुन के पारिवारिक रिश्तों और व्यक्तिगत संघर्षों को अधिक विस्तार से दिखाया जा सकता था। रितेश शाह की स्क्रिप्ट कुछ जगहों पर दमदार है, लेकिन कई पहलुओं पर फिल्म कमजोर पड़ती है। अर्जुन के रिश्ते और क्लाइमेक्स में खुला अंत दर्शकों को थोड़ा अधूरा महसूस करा सकता है। इसके बावजूद, फिल्म का मुख्य संदेश और जज़्बा साफ झलकता है।

अभिनय
अभिषेक बच्चन ने अर्जुन के किरदार में जान डाल दी है। उनकी भावनात्मक गहराई और गंभीरता ने इस फिल्म को एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया। उनके अलग-अलग लुक्स और भाव-प्रदर्शन दर्शकों को बांधे रखते हैं। उनकी बेटी का किरदार निभाने वाली अहिल्या बमरू ने भी बेहद फ्रेश और दमदार परफॉर्मेंस दी है। उनका किरदार सादगी और ईमानदारी का प्रतीक है। बाकि सभी किरदारों ने अच्छा काम किया है।
‘आई वांट टू टॉक’ जिंदगी के अनमोल पहलुओं और कठिन परिस्थितियों में भी जीने की ललक की कहानी है। हालांकि फिल्म कुछ जगह अधूरी लगती है, लेकिन अभिषेक बच्चन का प्रदर्शन और शुजित सरकार की डायरेक्शन इसे देखने लायक बनाते हैं।

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