UN का बड़ा बयान: इस देश में जानलेवा संकट, 47 लाख महिलाएं और बच्चे प्रभावित

Edited By Updated: 13 Sep, 2025 02:31 AM

a deadly crisis in this country 47 lakh women and children affected

अफगानिस्तान एक अभूतपूर्व मानवीय संकट के दौर से गुजर रहा है, जहां सूखा, आर्थिक पतन और अंतरराष्ट्रीय सहायता की भारी कमी ने स्थिति को बेहद चिंताजनक बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में चेतावनी दी है कि देश में 47 लाख से अधिक महिलाएं और बच्चे...

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान एक अभूतपूर्व मानवीय संकट के दौर से गुजर रहा है, जहां सूखा, आर्थिक पतन और अंतरराष्ट्रीय सहायता की भारी कमी ने स्थिति को बेहद चिंताजनक बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में चेतावनी दी है कि देश में 47 लाख से अधिक महिलाएं और बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सकीय और पोषण संबंधी सहायता की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की खाद्य सुरक्षा की स्थिति बेहद नाजुक है। हर चार में से एक अफगानी नागरिक गंभीर भूख और कुपोषण से जूझ रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हैं। दुजारिक ने ज़ोर देकर कहा कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो इसका दीर्घकालिक असर पीढ़ियों तक महसूस किया जाएगा।

 हालात क्यों बिगड़ रहे हैं?

अफगानिस्तान को लगातार कई संकटों का सामना करना पड़ रहा है:

इन कारणों से लाखों परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं, और हजारों बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हो चुके हैं। इनमें से कई को काबुल के इंदिरा गांधी बाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

2025 में स्थिति और बिगड़ने की आशंका

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्टों के अनुसार:

  • 2025 तक अफगानिस्तान में कुपोषण अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है।

  • 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को "लाइफ-सेविंग एड" की जरूरत होगी।

  • अभी तक केवल 24% आवश्यक धनराशि ही मिल पाई है, जो सहायता प्रयासों के लिए बेहद अपर्याप्त है।

  • 420 से अधिक स्वास्थ्य केंद्र बंद हो चुके हैं, जिससे करीब 30 लाख लोग इलाज से वंचित हो गए हैं।

इन हालात का सबसे बड़ा असर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों जैसे कमजोर समुदायों पर पड़ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

मानवीय संगठनों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल और ठोस मदद का आह्वान किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मौजूदा हालात पर ध्यान नहीं दिया गया, तो अफगानिस्तान एक ऐसे मानवीय त्रासदी की ओर बढ़ सकता है, जिसे रोक पाना मुश्किल होगा।

समाधान क्या हो सकते हैं?

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में नरमी और मानवीय सहायता को बिना बाधा पहुंचाना, स्वास्थ्य सेवाओं और पोषण कार्यक्रमों के लिए आवश्यक फंडिंग सुनिश्चित करना, स्थानीय संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर लंबी अवधि के पुनर्वास कार्यक्रम शुरू करना।

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