चीन और पाकिस्तान के बीच दूरियां पैदा करना चाहता है अमेरिका: चीनी विदेश मंत्रालय

Edited By shukdev,Updated: 25 Nov, 2019 09:05 PM

america wants to create distance between china and pakistan china

चीन ने सोमवार को आरोप लगाया कि अमेरिका 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के निर्माण में कर्ज से जुड़े नियमों को लगातार उठाकर पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों में दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रह रहा है। सीपीईसी के तहत अरब सागर...

बीजिंग: चीन ने सोमवार को आरोप लगाया कि अमेरिका 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के निर्माण में कर्ज से जुड़े नियमों को लगातार उठाकर पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों में दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रह रहा है। सीपीईसी के तहत अरब सागर के किनारे पाकिस्तान के रणनीतिक रूप महत्वपूर्ण स्थल ग्वादर बंदरगाह को चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र से जोड़ते हुए सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं को तैयार करना है। 

परियोजना का शुभारंभ 2015 में हुआ था, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पाकिस्तान गए थे। इसके तहत पाकिस्तान में विकास की विभिन्न आधारभूत संरचनाओं में 60 अरब डॉलर के निवेश का विचार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा,‘अमेरिका तथ्यों को नजरअंदाज कर रहा है और तथाकथित कर्ज के मुद्दे का इस्तेमाल करते हुए चीन और पाकिस्तान के बीच दरार पैदा कर रहा है। यह गलत नीयत से और दुर्भावना से प्रेरित है।' 

दक्षिण और केंद्रीय एशिया के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिसे वेल्स ने सीपीईसी और चीन की क्षेत्र और सड़क पहल परियोजना (बीआरआई) की आलोचना की थी। शुआंग ने कहा,‘वेल्स की टिप्पणी नई नहीं है और सीपीईसी और बीआरआई को बदनाम करने के लिए अमेरिका में कुछ लोग जो कर रहे हैं, उन्हीं को वह दोहरा रही हैं। चीन,पाकिस्तान दोनों ने पूर्व में कई बार ऐसे बयानों को खारिज किया है।'पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर अमेरिकी दृष्टिकोण का महत्वाकांक्षी परियोजना पर असर नहीं पड़ेगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!