Assisted Suicide: छुपकर स्विट्जरलैंड गई महिला ने अपनाया दर्दनाक फैसला, 17 लाख खर्च कर ली असिस्टेड सुसाइड

Edited By Updated: 05 Sep, 2025 01:29 PM

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आयरलैंड की मॉरीन स्लो ने परिवार को छुट्टियों का बहाना देकर स्विट्जरलैंड जाकर सहायता प्राप्त आत्महत्या की। उन्होंने पेगासस संस्था के साथ इस प्रक्रिया के लिए करीब 18 लाख रुपये खर्च किए। दो दिन बाद उनकी मृत्यु की खबर परिवार को मिली, जिससे वे सदमे में...

इंटरनेशनल डेस्कः आयरलैंड की 58 वर्षीय मॉरीन स्लो ने परिवार को छुट्टियों पर जाने का झूठ बोलकर चुपचाप स्विट्जरलैंड जाकर सहायता प्राप्त आत्महत्या कर ली। मॉरीन ने इस प्रक्रिया के लिए करीब 17 लाख रुपये खर्च किए और महज दो दिन में अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। उनके इस अचानक और गुप्त फैसले ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है और स्विट्जरलैंड की संस्था पेगासस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

छुट्टियों का बहाना बनाकर गईं स्विट्जरलैंड

8 जुलाई को मॉरीन ने अपने परिवार को बताया था कि वह एक दोस्त के साथ छुट्टियां मनाने लिथुआनिया जा रही हैं। लेकिन वास्तव में वह अकेले स्विट्जरलैंड के लिस्टल शहर में स्थित Pegasos नामक एक गैर-लाभकारी संस्था के पास गईं, जो असिस्टेड सुसाइड की सुविधा देती है। मॉरीन ने इसके लिए लगभग 15,000 पाउंड (करीब ₹17.76 लाख) का भुगतान किया था। हैरान करने वाली बात यह है कि संस्था ने महज दो दिनों में उन्हें आत्महत्या की अनुमति दे दी।

मां की एक दोस्त का मैसेज

मॉरीन की मौत की जानकारी परिवार को तब मिली जब उनकी एक करीबी दोस्त ने 9 जुलाई की रात 10 बजे के करीब उनकी बेटी मेगन रॉयल को एक मैसेज भेजा। मेगन ने Irish Independent से कहा:“मैं अपने बच्चे के साथ बिस्तर पर थी, तभी मेरी मां की एक दोस्त का मैसेज आया कि मेरी मां स्विट्जरलैंड में हैं और आत्महत्या करना चाहती हैं। मैं डर गई थी। ”मेगन ने तुरंत अपने पिता को इसकी सूचना दी और उन्होंने मॉरीन से संपर्क करने की कोशिश की। फोन पर बात करते हुए मॉरीन ने कहा कि वह वापस आ जाएंगी, लेकिन अगले दिन दोपहर 1 बजे Pegasos संस्था से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला जिसमें बताया गया कि मॉरीन की मृत्यु हो चुकी है। उसी मैसेज में यह भी बताया गया कि उनकी अस्थियां 6-8 सप्ताह के भीतर डाक से भेजी जाएंगी। मेगन ने कहा:“मैं अकेली थी, बच्चे को गोद में लेकर फूट-फूट कर रो रही थी। ऐसा लग रहा था कि मेरी पूरी दुनिया खत्म हो गई है।”

परिवार का कहना है कि मॉरीन लंबे समय से अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी बेटी मेगन के अनुसार, उन्होंने पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन वे टर्मिनल बीमारी से पीड़ित नहीं थीं।“कोई यह नहीं कह रहा कि वह दर्द में नहीं थीं। लेकिन इतना भी नहीं कि जीवन को खत्म कर देतीं। उनके पास जीने और देने के लिए बहुत कुछ था।” 

संस्था की भूमिका पर उठे सवाल

परिवार इस बात से हैरान है कि Pegasos संस्था ने इतने संवेदनशील मामले में परिवार को जानकारी क्यों नहीं दी। मॉरीन के भाई फिलिप स्लो, जो पेशे से वकील हैं, ने ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। Pegasos का दावा है कि उन्होंने मॉरीन की मानसिक स्थिति की जांच एक स्वतंत्र मनोचिकित्सक से करवाई थी, जिन्होंने उन्हें "निर्णय लेने में सक्षम" पाया और बताया कि वे "असहनीय पुरानी पीड़ा" से गुजर रही थीं।

हालांकि, मेगन को शक है कि उनकी मां ने संस्था को फर्जी सहमति पत्र भेजा होगा, जिसमें उनके नाम से लिखा गया था कि वह इस प्रक्रिया की सहमति देती हैं। Pegasos का कहना है कि उन्हें ऐसा एक ईमेल मिला था, लेकिन मेगन ने साफ कहा कि उन्होंने ऐसी कोई मंजूरी नहीं दी। संस्था की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए मेगन ने कहा:“वह दो दिन में अंदर गईं और सब खत्म। न कोई संवेदना पत्र आया, न कोई इंसानियत दिखाई गई। उनकी अस्थियों की डिब्बी पर ‘फ्रैजाइल’ तक नहीं लिखा था। बस डाक वैन में उछलती रही।”

स्विट्जरलैंड में 1942 से असिस्टेड सुसाइड कानूनी रूप से मान्य है, बशर्ते इसमें व्यक्तिगत इच्छा और मेडिकल जांच शामिल हो। यह यूथेनेशिया (Euthanasia) से अलग है, क्योंकि इसमें व्यक्ति खुद अपनी जान लेता है, डॉक्टर नहीं।

 

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