गाजा में मिसाइलों की बरसातः 85 फिलीस्तीनियों की मौत, खतरे में लाखों लोगों की जिंदगी

Edited By Updated: 20 Sep, 2025 02:19 PM

at least 85 palestinians killed in gaza

गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच गुरुवार को भीषण झड़प हुई। इस लड़ाई में चार इजरायली सैनिक मारे गए, जबकि इजरायल के हवाई और ...

International Desk: गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच गुरुवार को भीषण झड़प हुई। इस लड़ाई में चार इजरायली सैनिक मारे गए, जबकि इजरायल के हवाई और जमीनी हमलों में 85 फलस्तीनी मारे गए। मारे गए लोगों में हमास के लड़ाके भी शामिल हैं।गाजा सिटी में इजरायली टैंकों और वायुसेना के सहयोग से जारी कार्रवाई के कारण शहर की दूरसंचार प्रणाली पूरी तरह भंग हो गई है। इंटरनेट और टेलीफोन लाइनें बंद हो गई हैं, जिससे लोगों का संपर्क कट गया है।

 

बचे लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
गाजा सिटी के किनारे टेंट में रहने वाले बासेम अल-कनोऊ ने बताया,  “हम कहां जाएं? खाने की कमी के बाद अब हमारी जान पर खतरा है। हर मिनट बम फूट रहे हैं और गोलियां चल रही हैं।” इजरायली सेना का कहना है कि उनका उद्देश्य हमास पर इतना दबाव डालना है कि वह इजरायली बंधकों को रिहा कर दे। वर्तमान में 48 बंधक हैं, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की उम्मीद है।

 

वेस्ट बैंक में भी हिंसा
वेस्ट बैंक की जॉर्डन सीमा पर एलेनबी क्रॉसिंग पर हुई फायरिंग में दो इजरायली सैनिक मारे गए। इस दौरान ड्राइवर, जो फलस्तीनियों के लिए राहत सामग्री ला रहा था, भी मारा गया। इजरायली सेना ने इसे आतंकी हमला बताया। साथ ही, इजरायली लड़ाकू विमानों ने लेबनान में हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमले किए, लेकिन इस हमले में हुए नुकसान का पूरा विवरण अभी सामने नहीं आया।


सरकार और सेना में मतभेद
गाजा युद्ध के फैसलों को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके सैन्य प्रमुखों में मतभेद सामने आए हैं। सेना ने गाजा सिटी में स्थायी कब्जे और कतर में हवाई हमले पर सहमति नहीं दी।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और आमसभा में इजरायल के खिलाफ प्रस्तावों का समर्थन बढ़ रहा है। अमेरिका और इजरायल के अलावा केवल 10 देशों ने विरोध किया, जबकि 142 देशों ने समर्थन किया।

 

फिलीस्तीन राष्ट्र की बढ़ती मान्यता
स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने वाले देशों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक समय इजरायल के मित्र रहे यूरोपीय देशों ने अब इजरायली उत्पादों पर प्रतिबंध और टैरिफ लगाने की बात की है।यरुशलम मुख्यालय वाले इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के प्रमुख योनाथन प्लेज़नर के अनुसार,  “प्रधानमंत्री के हाथ में सारे फैसलों का अधिकार होने से सेना और सरकार में मतभेद पैदा हो रहे हैं। इससे देश की स्थिति अस्थिर और अलग-थलग हो गई है।” 

 

 गाजा में नागरिकों पर खतरा
कट्टरपंथी दलों के समर्थन वाली इजरायली सरकार के निर्णयों से उनकी अलोकप्रियता बढ़ी है। बंधकों की रिहाई और गाजा सिटी पर हमलों से नागरिकों का जीवन खतरे में है। लाखों लोग अब भी शहर में फंसे हैं, जबकि कई लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

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