Edited By Tanuja,Updated: 16 Jul, 2025 05:33 PM

क्यूबा में गरीबी और आर्थिक संकट ने अब सत्ता के गलियारों में भी हलचल मचा दी है। देश की श्रम मंत्री को एक गैर-जिम्मेदाराना बयान इतना भारी पड़ गया कि राष्ट्रपति को खुद दखल देकर...
International Desk: क्यूबा में गरीबी और आर्थिक संकट ने अब सत्ता के गलियारों में भी हलचल मचा दी है। देश की श्रम मंत्री को एक गैर-जिम्मेदाराना बयान इतना भारी पड़ गया कि राष्ट्रपति को खुद दखल देकर उनका इस्तीफा मंगवाना पड़ा। मंत्री ने भिखारियों के अस्तित्व को नकारते हुए ऐसी टिप्पणी कर दी थी, जिसने पहले से परेशान जनता के घाव पर नमक छिड़क दिया।
क्यूबा की श्रम एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री मार्ता एलेना फीतो-कैबरेरा ने हाल ही में संसद में दावा किया था कि क्यूबा में कोई भिखारी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग सड़कों पर कूड़ा बीनते या भीख मांगते दिखते हैं, वो असल में मेहनत से बचने के लिए ऐसा करते हैं। इस बयान से पहले से महंगाई, खाद्य संकट और बेरोजगारी से जूझ रहे क्यूबा के लोग भड़क उठे। सोशल मीडिया से लेकर संसद तक विरोध की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल को भी बोलना पड़ा कि देश का नेतृत्व लोगों की सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकता।
तेज विरोध और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के दबाव के बाद आखिरकार मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। क्यूबा सरकार ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। देश में बीते कुछ सालों में गरीबी तेज़ी से बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, क्यूबा का जीडीपी साल 2024 में 1.1% गिरा और पांच साल में कुल गिरावट 11% तक पहुँच चुकी है। बढ़ती महंगाई और खाने-पीने की चीजों की किल्लत ने हालात और बिगाड़ दिए हैं, जिसके चलते कई लोग सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं।