G7 में दिखी दरार:  यूक्रेन और ईरान संकट पर नहीं बन सकी बात,  ट्रंप की वापसी से टूट गई उम्मीदें !

Edited By Updated: 18 Jun, 2025 01:59 PM

g7 leaders fail to reach ambitious joint agreements after trump s exit

‘ग्रुप ऑफ सेवन' (G7) के छह नेताओं ने यूक्रेन में रूस के युद्ध और इजराइल-ईरान संघर्ष पर चर्चा की लेकिन वे इस संबंध में और कई अन्य शीर्ष मुद्दों पर अहम समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहे...

International Desk:  ‘ग्रुप ऑफ सेवन' (G7) के छह नेताओं ने यूक्रेन में रूस के युद्ध और इजराइल-ईरान संघर्ष पर चर्चा की लेकिन वे इस संबंध में और कई अन्य शीर्ष मुद्दों पर अहम समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहे। शिखर सम्मेलन में यह दिखाने की कोशिश की गई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सम्मेलन से जल्दी विदा लेने के बावजूद विश्व के अमीर देशों के नेता वैश्विक नीति को आकार दे सकते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ जो इस बात की पुष्टि करे। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली तथा जापान के उनके समकक्ष मंगलवार को आयोजित सम्मेलन के अंतिम सत्र में शामिल हुए, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रमुख मार्क रुट ने भी शिरकत की।

 

‘ग्रुप ऑफ सेवन' (G-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं - फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। जेलेंस्की ने कहा, ‘‘हमें सहयोगी देशों के समर्थन की जरूरत है और इसलिए मैं यहां आया हूं। हम शांति समझौतों, बिना शर्त युद्ध विराम के लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन इसके लिए हमें दबाव बनाने की जरूरत है।'' सम्मेलन में शामिल हुए बाकी नेताओं ने ऐसी गैर-बाजार नीतियों से निपटने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की, जो महत्वपूर्ण खनिजों तथा वैश्विक पहुंच को खतरे में डाल सकती हैं। उन्होंने नौकरियों और पर्यावरण पर कृत्रिम मेधा (AI) के नकारात्मक प्रभावों को सीमित करने का भी संकल्प लिया लेकिन साथ ही ‘‘प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति'' की क्षमता को भी अपनाने पर जोर दिया।

 

अन्य मुद्दों पर भी आम सहमति जतायी गयी। हालांकि, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य शीर्ष वैश्विक मुद्दों पर एकता प्रदर्शित करना था, लेकिन यूक्रेन में संघर्ष पर कोई संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया गया। कनाडा के कनैनिस्किस शहर में हुए शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने का कार्यक्रम था लेकिन ट्रंप के वाशिंगटन लौटने के कारण यह रद्द कर दिया गया। अमेरिका ने यूक्रेन के व्यापक खनिज संसाधनों तक अमेरिकी पहुंच की मंजूरी देने वाले एक समझौते पर भी पहले हस्ताक्षर किया था। कनाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शिखर सम्मेलन में पत्रकारों को बताया कि अमेरिका ने रूस के साथ बातचीत को बढ़ावा देने के उसके प्रयासों के बीच यूक्रेन पर संयुक्त बयान जारी किए जाने का विरोध किया।

 

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को ही यह साफ हो गया था कि कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया जाएगा। हालांकि, सम्मेलन में शामिल हुए अन्य नेताओं ने बताया कि सर्वसम्मति वाले किसी समझौते पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। इसके बाद कनाडाई प्रधानमंत्री की प्रवक्ता एमिली विलियम्स ने अपना बयान वापस लिया और कहा, ‘‘यूक्रेन के संबंध में कोई प्रस्तावित बयान अन्य नेताओं को वितरित नहीं किया गया।'' ट्रंप की अनुपस्थिति में बाकी छह विश्व नेताओं ने यूक्रेन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पैदा हुए तनाव के साये में भी हुआ। इजराइल ने ईरान के खिलाफ हवाई बमबारी शुरू की है और ईरान ने भी मिसाइलों तथा ड्रोन से पलटवार किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरान में सत्ता परिवर्तन के लिए जोर दे रहे अमेरिका और अन्य नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि इससे पश्चिम एशिया में और अधिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। मैक्रों ने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि आज सबसे बड़ी गलती ईरान में सैन्य बल के माध्यम से सत्ता परिवर्तन करना होगा, क्योंकि इससे अराजकता पैदा होगी।''

 

ट्रंप ने G7 से विदा लेने से पहले अन्य नेताओं के साथ एक बयान जारी करते हुए कहा था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता। मैक्रों ने कहा कि कार्नी ने बहुपक्षीय संगठन की एकता को बनाए रखते हुए G7 के मेजबान के रूप में अपना मिशन पूरा किया। मैक्रों ने कहा, ‘‘हमें कनाडाई राष्ट्रपति से आज धरती पर मौजूद हर मुद्दे को हल करने के लिए नहीं कहना चाहिए। यह अनुचित होगा।'' मैक्रों अगले साल जी7 की मेजबानी करेंगे। कार्नी ने मंगलवार को शिखर सम्मेलन में अपनी अंतिम टिप्पणियों में कहा कि ट्रंप पश्चिम एशिया में ‘‘असाधारण'' स्थिति के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटे, न कि शिखर सम्मेलन के दौरान हुई किसी घटना के कारण। कार्नी ने कहा कि कनाडा रूस के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा और वह ‘‘सुरक्षित एवं संप्रभु यूक्रेन के प्रति अटूट समर्थन'' जताते हुए अपना खुद का एक बयान जारी कर रहा है। ट्रंप की व्यापार टीम के सदस्य शुल्क पर चर्चा जारी रखने के लिए कनाडा में ही रुके रहे, जिनमें वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट भी शामिल हैं जो विश्व नेताओं की जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान भी मौजूद रहे थे।  

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