अगर ईरान में फैलने लगे न्यूक्लियर रेडिएशन तो कैसे बच सकती है जान?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 Jun, 2025 02:16 PM

if nuclear radiation starts spreading in iran then how can lives be saved

ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से चल रही टकराव की स्थिति अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अमेरिका की ओर से ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट समेत कई अहम परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई है। इन हमलों के बाद अब न्यूक्लियर रेडिएशन फैलने का खतरा...

नेशनल डेस्क: ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से चल रही टकराव की स्थिति अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अमेरिका की ओर से ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट समेत कई अहम परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई है। इन हमलों के बाद अब न्यूक्लियर रेडिएशन फैलने का खतरा गंभीर रूप से मंडरा रहा है। अगर ये रेडिएशन आम लोगों तक पहुंचता है तो जान का बड़ा खतरा हो सकता है।

धमाका नहीं, रेडिएशन ज्यादा खतरनाक

परमाणु हमले में सिर्फ विस्फोट से जान नहीं जाती, बल्कि असली खतरा रेडिएशन से होता है। इसका उदाहरण हम हिरोशिमा और नागासाकी में देख चुके हैं जहां एक झटके में लाखों लोग मारे गए और आने वाली पीढ़ियां तक प्रभावित हुईं। रेडिएशन का असर शरीर के हर अंग पर होता है — खून, त्वचा, आंतरिक अंग और यहां तक कि डीएनए तक। इसके चलते कैंसर, अंग विकृति और गर्भस्थ शिशुओं में जन्मजात दोष तक देखने को मिलते हैं।

क्या होता है परमाणु रेडिएशन?

परमाणु विस्फोट के दौरान तीन तरह की किरणें निकलती हैं:

  • अल्फा किरणें: कम दूरी तक जाती हैं, लेकिन अगर किसी संक्रमित चीज को निगला या सांस के साथ अंदर लिया जाए तो यह बेहद नुकसानदायक होती हैं।

  • बीटा किरणें: ये त्वचा को जला सकती हैं, लेकिन मोटे कपड़े से रोकी जा सकती हैं।

  • गामा किरणें: सबसे खतरनाक। ये शरीर के अंदर तक प्रवेश कर जाती हैं और इन्हें रोकने के लिए मोटी कंक्रीट या लेड की दीवार की जरूरत होती है।

कैसे फैलता है रेडिएशन?

  • हवा के जरिए: रेडियोएक्टिव धूल हवा में तैरने लगती है

  • त्वचा के जरिए: गामा किरणें कपड़े पार कर शरीर में प्रवेश कर सकती हैं

  • सांस के जरिए: संक्रमित हवा के संपर्क में आने से फेफड़े खराब हो सकते हैं

  • खाने या पानी से: संक्रमित भोजन या पानी से शरीर में रेडिएशन पहुंचता है

अगर आसपास फैल गया रेडिएशन तो तुरंत क्या करें?

  1. घर से बाहर न निकलें: अगर हमला हुआ है तो कम से कम 24 घंटे के लिए घर या शेल्टर में रहें।

  2. कपड़े बदलें: जो कपड़े पहने हैं उन्हें उतारकर प्लास्टिक बैग में सील करें और किसी सुरक्षित जगह रखें।

  3. नहाएं: पूरे शरीर को हल्के गर्म पानी और साबुन से धोएं लेकिन जोर से न रगड़ें।

  4. नाक, आंख, कान साफ करें: इन्हें साफ करते समय बेहद सावधानी रखें क्योंकि ये रेडिएशन के सीधे रास्ते हैं।

  5. सूचना का जरिया रखें: बैटरी से चलने वाला रेडियो रखें ताकि सरकारी चेतावनियां मिलती रहें।

  6. संक्रमित चीजें न छुएं: कोई भी टूटी वस्तु, जलता हुआ मलबा या धातु को न छुएं।

  7. घर को सील करें: खिड़कियों, दरवाजों को बंद कर दें, और दरारों में गीले तौलिये लगाएं।

खाने-पीने में बरतें ये सावधानी

  • फिल्टर या उबला हुआ पानी ही पीएं

  • बंद डिब्बों में रखा खाना खाएं

  • खुले या ताजे फल-सब्जी खाने से बचें

  • अनावश्यक दवा या सप्लीमेंट न लें, डॉक्टर की सलाह लें

मानसिक तौर पर कैसे रहें मजबूत?

रेडिएशन या हमले की स्थिति में डर और तनाव होना स्वाभाविक है लेकिन घबराहट हालात को और बिगाड़ सकती है। अपने परिवार को पास रखें, बच्चों को सहज रखें और जितना हो सके जानकारी जुटाकर संयम से काम लें।

अलर्ट रहने के लिए क्या जरूरी है?

  • सरकार या स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों को तुरंत मानें

  • यदि पास में कोई न्यूक्लियर प्लांट है तो उसके इमरजेंसी नंबर और शेल्टर की जानकारी पहले से रखें

  • "बग-आउट बैग" तैयार रखें जिसमें जरूरी दवाएं, मास्क, बैटरी, रेडियो, टॉर्च, दस्तावेज और पानी मौजूद हो

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