Edited By Tanuja,Updated: 08 Nov, 2025 12:36 PM

तुर्की के अभियोजक कार्यालय ने गाजा युद्ध में कथित “जनसंहार” के आरोपों में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और अन्य 36 अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इजरायल ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा कि वह नागरिकों को निशाना नहीं...
International Desk: तुर्की के इस्तांबुल के मुख्य लोक अभियोजक कार्यालय ने शुक्रवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत 37 लोगों के खिलाफ गाजा युद्ध में जनसंहार (Genocide) के आरोपों पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। तुर्की अख़बार Türkiye Today के अनुसार, जिन अन्य लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़, IDF चीफ ऑफ स्टाफ एयाल ज़मीर, और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर भी हैं। अभियोजक कार्यालय ने दावा किया है कि इजरायल ने गाजा पट्टी में नागरिकों को ‘संगठित रूप से निशाना’ बनाया, जबकि इजरायल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
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इजरायली और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कई घटनाएं, जैसे 17 अक्टूबर 2023 को अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल में विस्फोट, वास्तव में पैलेस्टिनियन इस्लामिक जिहाद के असफल रॉकेट लॉन्च के कारण हुई थीं। इजरायल सरकार का कहना है कि वह हमलों से पहले नागरिकों को निकालने और मानवीय सहायता पहुंचाने की पूरी कोशिश करती है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान लंबे समय से हमास के खुले समर्थक रहे हैं। इस्तांबुल के अभियोजक कार्यालय ने पहले भी पत्रकारों और विपक्षी नेताओं पर विवादित कार्रवाई की है जिनमें सबसे प्रमुख नाम इकरेम इमामओग्लू का है, जो इस समय “राजद्रोह” के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि तुर्की पर खुद 1915 से 1923 के बीच आर्मेनियाई नरसंहार (Armenian Genocide) के आरोप हैं, जिसमें लगभग 15 लाख आर्मेनियाई लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका, कनाडा, रूस और अधिकांश यूरोपीय देश इस नरसंहार को आधिकारिक रूप से मान्यता दे चुके हैं, जबकि ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल ने अब तक आधिकारिक मान्यता नहीं दी।हालांकि अगस्त 2025 में नेतन्याहू ने व्यक्तिगत रूप से आर्मेनियाई नरसंहार को स्वीकार किया था, लेकिन इसे औपचारिक मान्यता नहीं मिली।