Edited By Tanuja,Updated: 29 Nov, 2025 01:45 PM

तुर्की के काला सागर तट के पास दो रूसी “शैडो फ्लीट” टैंकर Kairos और Virat रहस्यमयी धमाकों के बाद आग में घिर गए। तुर्की का कहना है कि ये माइन, मिसाइल या ड्रोन हमले से प्रभावित हो सकते हैं। दोनों जहाज़ प्रतिबंधों को चकमा देने वाली रूसी फ्लीट का हिस्सा...
International Desk: तुर्की के तट के पास काला सागर में दो तेल टैंकर Kairos और Virat लगातार धमाकों के बाद आग की चपेट में आ गए। तुर्की अधिकारियों ने कहा है कि शुरुआती जांच में माइन, मिसाइल, ड्रोन या किसी समुद्री वाहन से बाहरी हमला होने की आशंका है। दोनों जहाज़ रूस की कथित “शैडो फ्लीट” का हिस्सा बताए जाते हैं, जो पश्चिमी प्रतिबंधों को चकमा देने के लिए उपयोग होती है। शुक्रवार देर शाम यह घटनाएँ कुछ ही मिनटों के अंतराल में हुईं।
Kairos तुर्की के कोकाएली प्रांत से 28 नॉटिकल मील दूर आग पकड़ बैठा। करीब एक घंटे बाद Virat भी 35 नॉटिकल मील दूर “strike” की चपेट में आया। दोनों जहाज़ खाली थे और रूस के नोवोरोसिस्क पोर्ट की ओर बढ़ रहे थे। सभी 45 क्रू मेंबर सुरक्षित हैं। Kairos के 25 और Virat के 20 क्रू को सुरक्षित निकाल लिया गया। Virat के इंजन रूम से भारी धुआँ उठने की खबर है। तुर्की के बचाव दल मौके पर लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। तुर्की परिवहन और आधारभूत ढांचा मंत्री अबदुलकादिर उरालोग्लू ने कहा “धमाके बाहरी हस्तक्षेप से हुए लगते हैं। पहली नज़र में कारण माइन, मिसाइल, समुद्री ड्रोन या कोई अन्य डिवाइस हो सकता है।”हालाँकि, उन्होंने साफ़ कहा कि अभी पक्का कारण पता नहीं है।
यूक्रेन ने पिछले एक साल में काला सागर में रूसी जहाज़ों पर ड्रोन हमलों की सैकड़ों कार्रवाइयाँ की हैं, लेकिन अधिकतर ऑपरेशन समुद्र के उत्तरी हिस्से तक सीमित रहे हैं। दोनों टैंकर नियमित रूप से रूस के पोर्ट्स पर जाते रहे हैं और कई बार ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर देते थे, जिससे संदेह और गहरा हो जाता है। ये जहाज़ रूस के तेल कारोबार को प्रतिबंधों से बचाने के लिए जटिल रूट और फ़्लैग बदलाव का उपयोग करते हैं। Virat पहले बारबाडोस, कोमोरोस, लाइबेरिया, पनामा जैसे देशों के झंडों के तहत भी चल चुका है।