नेपाल में थमा सियासी भूचालः सुशीला कार्की ने संभाली देश की कमान, संसद भंग के बाद चुनाव तिथि का ऐलान

Edited By Updated: 13 Sep, 2025 06:58 PM

nepal s next parliamentary election will be held on march 5

नेपाल में संसदीय चुनाव अगले साल 5 मार्च को होगा। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के कार्यालय ने यह घोषणा की। देश में एक सप्ताह तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद यह फैसला लिया ........

Kathmandu: नेपाल में संसदीय चुनाव अगले साल 5 मार्च को होगा। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के कार्यालय ने यह घोषणा की। देश में एक सप्ताह तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद यह फैसला लिया गया। विरोध प्रदर्शनों के कारण के.पी. शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और सुशीला कार्की देश की पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त की गईं। राष्ट्रपति पौडेल ने शुक्रवार को नवनियुक्त प्रधानमंत्री की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा को भंग करते हुए कहा कि अगला संसदीय चुनाव 5 मार्च को होगा। पूर्व प्रधान न्यायाधीश कार्की (73) ने शुक्रवार रात देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही, देश में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर समाप्त हो गया।

 

सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच, इस सप्ताह ओली के अचानक इस्तीफे के बाद यह स्थिति पैदा हुई थी। कार्की रविवार को एक छोटा मंत्रिमंडल गठित करेंगी। उनके पास गृह, विदेश और रक्षा सहित लगभग दो दर्जन मंत्रालय होंगे। राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्की पदभार ग्रहण करने के बाद कुछ मंत्रियों को शामिल करते हुए रविवार को मंत्रिपरिषद का गठन करेंगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के दौरान सिंह दरबार सचिवालय स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लगा दी गई थी, इसलिए सिंह दरबार परिसर में गृह मंत्रालय के लिए नवनिर्मित भवन को प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए तैयार किया जा रहा है।

 

प्रधानमंत्री कार्यालय को वहां स्थानांतरित करने के लिए इमारत के आसपास के इलाकों से राख हटाने और साफ-सफाई का काम चल रहा है। इस बीच, प्रधानमंत्री कार्की ने शनिवार को काठमांडू के बनेश्वर इलाके में सिविल अस्पताल का दौरा किया, जहां प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए दर्जनों लोगों का इलाज चल रहा है। नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों और शीर्ष अधिवक्ता संघ ने राष्ट्रपति के संसद भंग करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है और इस कदम को ‘‘असंवैधानिक'', ‘‘मनमाना'' और लोकतंत्र के लिए एक बड़ा झटका बताया है। भंग की गई प्रतिनिधि सभा के मुख्य सचेतकों ने संसद भंग करने का विरोध करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया। नेपाल पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई। 

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