Nepal से आई बड़ी खबर: वित्त मंत्री को जनता ने सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर लात-घूसे से पीटा, VIDEO तेजी से वायरल

Edited By Updated: 09 Sep, 2025 02:40 PM

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पाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ युवाओं का विरोध अब हिंसा में तब्दील हो गया है। मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत कई अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों ने भारी तोड़फोड़ और आगजनी की, जिससे पूरे देश की राजनीति और...

इंटरनेशनल डेस्क: नेपाल में राजनीतिक और सामाजिक तनाव की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को सरेआम सड़क पर घेर लिया और उन पर बेरहमी से लात-घूसे बरसाए। इस हिंसक घटना ने देश में विरोध प्रदर्शन की तीव्रता और गहराई को बयां किया है, जहां जनता की नाराजगी ने अब सीधे तौर पर उच्च राजनैतिक नेताओं तक को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत कई अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों ने भारी तोड़फोड़ और आगजनी की, जिससे पूरे देश की राजनीति और कानून-व्यवस्था पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर हमला किया, जिसे देखकर हालात की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

इस व्यापक आंदोलन ने सरकार के ढांचे को हिला कर रख दिया है। पहले ही कई मंत्रियों - गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव - ने इस्तीफा दिया था, और अब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी अपना पद छोड़ दिया है। यह साफ संकेत है कि बढ़ते जनाक्रोश को रोक पाना अब सरकार के लिए बेहद कठिन हो गया है।

वित्त मंत्री विष्णु पौडेल कौन हैं?
विष्णुप्रसाद पौडेल नेपाल के प्रमुख कम्युनिस्ट नेताओं में से एक हैं और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने नेपाल सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिनमें उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के पद प्रमुख हैं। पौडेल ने कई मौकों पर गृह, उद्योग, जल और रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाली है। उनकी व्यापक प्रशासनिक अनुभव की वजह से वे नेपाली राजनीति में एक प्रभावशाली शख्सियत माने जाते हैं।

हिंसा और आगजनी की घटनाएं
प्रदर्शनकारी न केवल संसद भवन में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और शेर बहादुर देउबा के घरों पर भी हमला कर चुके हैं। इसके अलावा, इस्तीफा दे चुके गृह मंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवासों पर भी आग लगा दी गई है। सरकार ने हालात काबू में करने के लिए सख्त कार्रवाई की है, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही।पुलिस की गोलीबारी में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। देश में तनाव की यह स्थिति राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक उथल-पुथल का संकेत दे रही है।

स्थिति की गंभीरता
नेपाल इस समय अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। बढ़ती नाराजगी और असंतोष ने पूरे राजनीतिक तंत्र को चुनौती दे दी है। युवा वर्ग की आवाज़ अब केवल विरोध से बढ़कर हिंसक बगावत का रूप ले चुकी है, जो देश के भविष्य के लिए चिंताजनक संकेत हैं। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सरकार की जवाबदेही और सुधार की मांग तेज़ हो रही है, जिससे नेपाल की स्थिरता और विकास पर गंभीर असर पड़ सकता है।

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