इराक-ईरान में पकड़े गए 90% भिखारी पाकिस्तानी; तीर्थयात्री बनकर करते हैं घुसपैठ, Pakistani लड़कियां भी शामिल

Edited By Updated: 11 Sep, 2024 08:02 PM

notable increase in number of pakistani beggars travelling to middle east

हाल के दिनों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भिखारी मध्य पूर्व के देशों की यात्रा कर रहे हैं, जिससे स्थानीय अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ गई है। ये लोग धार्मिक तीर्थयात्री बनकर इन देशों में प्रवेश करते हैं...

International Desk: हाल के दिनों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भिखारी मध्य पूर्व के देशों की यात्रा कर रहे हैं, जिससे स्थानीय अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ गई है। ये लोग धार्मिक तीर्थयात्री बनकर इन देशों में प्रवेश करते हैं, लेकिन बाद में भीख मांगने लगते हैं। इस मुद्दे ने स्थानीय प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है, जिससे पाकिस्तानी यात्रियों की कड़ी जांच शुरू हो गई है। यह समस्या विशेष रूप से इराक में गंभीर है, जहां कई पाकिस्तानी धार्मिक यात्रा के लिए आते हैं लेकिन वहां पहुंचकर भीख मांगने लगते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, मध्य पूर्व के देशों में गिरफ्तार किए गए भिखारियों में से 90% पाकिस्तानी नागरिक होते हैं।

 

इसने तीर्थयात्रा वीजा का गलत इस्तेमाल करने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। चिंता की बात यह भी है कि इराक में 18 से 25 साल की पाकिस्तानी लड़कियां भी भीख मांगने में लिप्त पाई गई हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को और बढ़ा रही है। यह समस्या ईरान में भी देखने को मिल रही है, जहां पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा भिखारी बनने के कई मामले सामने आए हैं। ईरानी अधिकारियों ने भी पाकिस्तानी नागरिकों के भिखारी बनने के साथ-साथ नशीली दवाओं की तस्करी और मानव तस्करी में लिप्त होने पर चिंता जताई है। यह समस्या पाकिस्तान में सक्रिय संगठित भिखारी नेटवर्क का हिस्सा है।

 

ये नेटवर्क तीर्थयात्रा वीजा जैसे उमराह और ज़ियारत वीजा का दुरुपयोग करके लोगों को सऊदी अरब, ईरान और इराक जैसे देशों में भेजते हैं, जहां वे भीख मांगते हैं। पाकिस्तान में भिक्षावृत्ति केवल गरीबी का परिणाम नहीं है, बल्कि यह एक संगठित उद्योग बन चुका है जो बड़े पैमाने पर राजस्व उत्पन्न करता है। रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान में लगभग 38 मिलियन भिखारी हैं, जो सालाना $42 बिलियन की कमाई करते हैं। इस समस्या को हल करने के प्रयासों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भ्रष्टाचार और मिलीभगत की खबरें सामने आई हैं, जिनमें पाकिस्तानी अधिकारियों और ईरानी ड्राइवरों द्वारा भिखारियों को सीमाओं के पार ले जाने की मदद करने के आरोप शामिल हैं। इस स्थिति ने पाकिस्तान सरकार को शर्मिंदा किया है और मध्य पूर्वी देशों के साथ उसके संबंधों पर असर डाला है।

 

यह समस्या सिर्फ इराक और ईरान तक सीमित नहीं है, बल्कि सऊदी अरब, यूएई और कतर जैसे देशों में भी पाकिस्तानी भिखारी पाए जा रहे हैं, जो अक्सर तीर्थयात्रा या रोजगार वीजा पर इन देशों में आते हैं और फिर भीख मांगने लगते हैं। इससे इन देशों में जेलों की भीड़भाड़ और पाकिस्तानियों की छवि खराब हो रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए इराक जैसे कुछ मध्य पूर्वी देशों ने पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों से यह गारंटी मांगी है कि वे अपनी तीर्थयात्रा के बाद वापस लौटेंगे। इस समस्या को लेकर पाकिस्तानी संसद में भी चर्चा हो रही है, जहां सांसदों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव और इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त उपायों की मांग की है।

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