पाकिस्तान आर्मी चीफ गुपचुप पहुंचे  फ्रांस; बेहद लो प्रोफाइल रखा दौरा, आखिर क्या है राज ?

Edited By Tanuja,Updated: 02 Jul, 2022 05:56 PM

pakistan army chief undertook a  low profile  visit to paris

पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पिछले दिनों गुपचुप तरीके से फ्रांस के दौरे पर गए। वे वहां 13 जून से 17 जून तक चलने वाले...

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पिछले दिनों गुपचुप तरीके से फ्रांस के दौरे पर गए। वे वहां 13 जून से 17 जून तक चलने वाले एक रक्षा कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने पहुंचे थे।  हैरानी वाली बात यह है कि उनके इस दौरे का जिक्र न तो इंटरनेशनल मीडिया  में हुआ कहीं नहीं हुआ और  न ही उन्‍होंने फ्रेंच ऑर्गनाइजर्स की तरफ से आयोजित डिनर में हिस्‍सा लिया। उनका ये दौरा बहुत ही लो प्रोफाइल रहा।  किसी को इसमें जरा भी दिलचस्‍पी थी और न ही खुद जनरल ने चाहा कि फ्रांस में लोगों को उनके आने के बारे में पता चले।

 

फ्रांस स्थित पाकिस्‍तानी दूतावास के करीबी सूत्रों की मानें तो पाक मिशन तक जनरल बाजवा के दौरे में शामिल नहीं था। फ्रांस की राजधानी पेरिस में पाकिस्‍तानी मीडिया के लिए काम करने वाले एक जर्नलिस्‍ट के मुताबिक जनरल बाजवा शायद इस दौरे को लो प्रोफाइल रखना चाहते थे। जर्नलिस्‍ट का कहना है कि बाजवा शायद देश में इस्‍लामिक चरमपंथियों को नाराज नहीं करना चाहते थे जो फ्रांस को उनके धर्म का अपमान करने वाला देश मानते हैं। फ्रांस और पाकिस्‍तान के बीच जैसे संबंध पिछले कुछ वर्षों में बने हैं, उनसे ऐसा लगता है कि पाक आर्मी चीफ ने जानबूझकर अपने दौरे को लो प्रोफाइल रखा है।

 

माना जा रहा है कि उन्‍होंने अपने PR यानी ISPR को भी इसका जिक्र करने से मना किया था । वो नहीं चाहते थे कि मीडिया को उनके दौरे की भनक लगे और टीएलपी का ध्‍यान उनकी तरफ जाए। जनरल बाजवा पहले ही इमरान खान की सरकार के गिरने की वजह से बदनाम हो रहे हैं। अगर टीएलपी को उनके दौरे की खबरे हो जाती तो शायद उनकी मुश्किलें और भी बढ़ जातीं। तहरीक-ए-लब्बैक(TLP), पाकिस्‍तान में मौजूद वो आतंकी संगठन है जिसके  लिए जनरल बाजवा बहुत सॉफ्ट कार्नर रखते हैं। वो नहीं चाहते थे कि फ्रांस दौरे पर आतंकी संगठन उनसे नाराज हो और इसलिए जनरल ने खुद अपने दौरे को बहुत ही लो प्रोफाइल रखा।

 

माना जाता है कि पाकिस्‍तानी मिलिट्री से TLP के संबंध काफी गहरे हैं। पाक सरकार की तरफ से इस संगठन को बैन करने के जितने भी प्रयास किए गए, वो सभी पूरी तरह से फेल हो गए। TLP अब देश में बहुत ही पॉपुलर है और यहां तक कि संसदीय चुनावों में भी सीट्स जीत चुकी है। TLP   फिर उस समय खबरों में आया जब इसने पेरिस स्थित मैगजीन चार्ली हेब्‍दो की तरफ से जारी कार्टूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किए। संगठन ने मांग की कि इस्‍लामाबाद में फ्रांस दूतावास से राजदूत को बाहर किया जाए। संगठन के कुछ लोगों ने तो दूतावास पर हमला तक कर दिया था। टीएलपी की तरफ से आयोजित प्रदर्शनों में एक व्‍यक्ति की मौत तक हो गई थी। जब तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनकी मांगों पर कार्रवाई का वादा किया तो संगठन पीछे हटा। 

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