पाकिस्‍तान ने यूरोप में  भारत के खिलाफ लगाई 'झूठ की फैक्‍ट्री', कश्मीर पर फैला रहा जहर

Edited By Updated: 27 Jun, 2022 11:20 AM

pakistan set up  factory of lies  in europe against india

पाकिस्‍तान ने ब्रिटेन और अन्‍य यूरोपीय देशों में भारत के खिलाफ हाइब्रिड वार छेड़ने वाली''झूठ की फैक्‍ट्री'' लगा रखी है और लगातार उसके जरिए...

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान ने ब्रिटेन और अन्‍य यूरोपीय देशों में भारत के खिलाफ हाइब्रिड वार छेड़ने वाली'झूठ की फैक्‍ट्री' लगा रखी है और लगातार उसके जरिए दुष्‍प्रचार कर रहा है। ग्रीस मीडिया ने खुलासा किया है कि इसी के तहत हाल ही में ब्रिटेन और यूरोप के दौरे पर गए पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के कथित राष्‍ट्रपति सुल्‍तान महमूद ने दो दुष्‍प्रचार समूह बनाने की कोशिश की। इनमें से एक दुष्‍प्रचार समूह का नाम 'फ्रेंड्स ऑफ कश्‍मीर' और दूसरा 'यासीन मलिक डिफेंस कमिटी' रखा गया है।

 

ग्रीस की न्‍यूज वेबसाइट डायरेक्‍टस के मुताबिक सुल्‍तान महमूद ने 31 अगस्‍त की समय सीमा रखी है और इस तय सीमा के अंदर ब्रिटेन और यूरोप के सभी बड़े शहरों और कस्‍बों में दोनों ही अभियानों के लिए नेटवर्क बनाना होगा। महमूद का इरादा इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए मस्जिदों और पाकिस्‍तान के दूतावास का इस्‍तेमाल किया जाए। साथ ही पाकिस्‍तान के धार्मिक कट्टरपंथियों और पीओके के विदेश में रह रहे लोगों की भी मदद लेने का भी प्‍लान है।रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में संसदीय चुनाव या परिषद के चुनाव के दौरान मुस्लिम वोटों का काफी महत्‍व होता है और यही वजह है कि वे पाकिस्‍तान की ओर से कश्‍मीर पर फैलाए गए दुष्‍प्रचार के झांसे में आ जाते हैं।

 

ब्रिटेन के लीड्स इलाके में 5.43 प्रतिशत वोटर और नाटिंघम में 8.8 प्रतिशत मतदाता मुस्लिम हैं। इसके अलावा कई अन्‍य इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्‍या 8 से लेकर 24 प्रतिशत तक है। इनमें से ज्‍यादातार पाकिस्‍तान से और उनमें से भी बड़ी तादाद में लोग पीओके से हैं। पाकिस्‍तान के ज्‍यादातर प्रवासी ब्रिटेन और यूरोप में ही राजनीतिक शरण लेते हैं। इसके लिए उन्‍हें प्रवासियों के बीच काम कर रही एक राजनीतिक पार्टी के एक पत्र की जरूरत होती है। इस पत्र से यह पुष्टि होती है कि वे अपने देश में जुल्‍म सह रहे हैं और पार्टी के कामकाज को करने के दौरान उनकी जान को खतरा है। पाकिस्‍तान के इन कथित प्रवासियों को असल में कोई दिक्‍कत नहीं होती है, बल्कि वे विदेश में इसलिए आते हैं ताकि नौकरी हासिल करके वहां से पैसे वापस पाकिस्‍तान भेज सकें।

 

इन्‍हीं पाकिस्‍तानियों की मदद मस्जिदों, पीओके प्रवासियों से जुड़े राजनीतिक दलों और दूतावासों के जरिए की जाती है। ग्रीस मीडिया के मुताबिक इन मस्जिदों के पीछे गुप्‍त रूप से पाकिस्‍तानी दूतावास होता है। मस्जिदों के इमाम इन नए प्रवासियों को जॉब हासिल करने में मदद करते हैं और फिर उन्‍हें अपने धार्मिक या राजनीतिक नेटवर्क में शामिल कर लेते हैं। पाकिस्‍तान अक्‍सर लंदन में भारतीय उच्‍चायोग के सामने प्रदर्शन करता है जिसे मस्जिदों, प्रवासियों और राजनीतिक दलों की मदद से अंजाम दिया जाता है।

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