Edited By Tanuja,Updated: 15 Sep, 2025 04:49 PM

रूस ने एक बार फिर दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का अहसास करा दिया है। 13 सितंबर को रूसी पैसिफिक फ्लीट ने ओनिक्स (P-800 Oniks) क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया....
International Desk: रूस ने एक बार फिर दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का अहसास करा दिया है। 13 सितंबर को रूसी पैसिफिक फ्लीट ने ओनिक्स (P-800 Oniks) क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल कुरिल द्वीपसमूह के परमुशिर द्वीप से दागी गई और 350 किलोमीटर दूर समुद्र में रखे एक मॉक टारगेट पर सटीक प्रहार कर उसे नष्ट कर दिया।यह परीक्षण पैसिफिक फ्लीट की बड़ी कमांड एक्सरसाइज का हिस्सा था, जिसमें 10 से ज्यादा जहाज, विमान और पनडुब्बियां शामिल थीं। सतह के जहाजों और नौसेना विमानों ने अभ्यास क्षेत्र को सुरक्षित भी रखा।
ओनिक्स मिसाइल की खासियत
सुपरसोनिक स्पीड : मैक 2.5 यानी ध्वनि की गति से ढाई गुना तेज़।
रेंज : 300 से 600 किलोमीटर तक।
वजन व वॉरहेड : करीब 3 टन व 200-300 किलो का विस्फोटक वारहेड।
उद्देश्य : दुश्मन के जहाज, विमान वाहक समूह या कन्वॉय को निशाना बनाना।
उत्पत्ति : 1990 के दशक में विकसित, 2006 से रूसी नौसेना का हिस्सा।
भारत से कनेक्शन : इसी का निर्यात संस्करण ‘याखोंट’ भारत की ब्रह्मोस मिसाइल का आधार है।
बास्टियन सिस्टम की खास भूमिका
इस परीक्षण में मिसाइल को बास्टियन तटीय रक्षा प्रणाली से दागा गया। यह सिस्टम मोबाइल है और आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। एक बास्टियन यूनिट में 36 ओनिक्स मिसाइलें होती हैं। यह सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक जामिंग और दुश्मन के तीव्र हमलों के बीच भी काम करता है। रूस ने इसे क्रीमिया, कलिनिनग्राद और पैसिफिक क्षेत्र में तैनात किया हुआ है।
रणनीतिक महत्व
कुरिल द्वीप, जहां से यह मिसाइल दागी गई, जापान के साथ रूस का विवादित क्षेत्र है। ऐसे में यह परीक्षण सिर्फ रूटीन एक्सरसाइज ही नहीं बल्कि एक सख्त रणनीतिक संदेश भी माना जा रहा है। पैसिफिक फ्लीट रूस की पूर्वी सीमाओं की रक्षा करता है, जहां चीन, जापान और अमेरिका की मौजूदगी है। यह परीक्षण रूस की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह आर्कटिक मार्ग और पूर्वी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। नाटो देशों को भी यह संदेश गया है कि रूस अपनी सीमाओं पर पूरी तरह तैयार है। रूस ने पहले भी आर्कटिक और फ्रांज जोसेफ लैंड के पास ऐसे परीक्षण किए हैं। मौजूदा समय में, जब यूक्रेन युद्ध और नाटो का दबाव जारी है, रूस अपनी सैन्य क्षमता लगातार दिखा रहा है। यह परीक्षण न केवल तकनीकी दक्षता का सबूत है, बल्कि भू-राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन भी है। 13 सितंबर का ओनिक्स परीक्षण यह साफ करता है कि रूस अभी भी दुनिया को अपनी सैन्य क्षमता से चौंकाने और डराने की स्थिति में है। सुपरसोनिक मिसाइल और बास्टियन सिस्टम का मेल रूस को समुद्री युद्ध में एक बड़ी बढ़त देता है।