Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 Aug, 2025 03:42 PM

सोशल मीडिया पर मशहूर होने की चाहत में तीन रूसी लड़कियों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। मॉस्को के एक प्रमुख चर्च के सामने डांस करते हुए वीडियो बनाना इन लड़कियों को महंगा पड़ा। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद उन्हें कड़ी सज़ा मिली है।
इंटरनेशनल डेस्क। सोशल मीडिया पर मशहूर होने की चाहत में तीन रूसी लड़कियों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। मॉस्को के एक प्रमुख चर्च के सामने डांस करते हुए वीडियो बनाना इन लड़कियों को महंगा पड़ा। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद उन्हें कड़ी सज़ा मिली है।
जानिए क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार तीन 18 वर्षीय छात्राएं मॉस्को के कैथेड्रल ऑफ क्राइस्ट द सेवियर के सामने 'अश्लील' और 'अनुचित' तरीके से डांस कर रही थीं। उन्होंने अपने इस डांस का वीडियो बनाया और इसे टिकटॉक पर पोस्ट कर दिया। यह वीडियो जल्द ही वायरल हो गया और पुलिस के साथ-साथ रूढ़िवादी धार्मिक समूहों की भी नज़र में आ गया।
यह भी पढ़ें: Mumbai Rain: भारी बारिश के कहर से नहीं बचे अमिताभ बच्चन भी, पानी-पानी हुआ पूरा बंगला, खुद वाइपर लेकर निकले बिग बी, देखें Video
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों लड़कियों - ए. दिमित्रियेवा, ए. कालिनकिना और आई. पचेलिंत्सेवा को गिरफ्तार कर लिया। उन पर सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया। यह घटना रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासनकाल में पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए चल रहे सख्त अभियान का हिस्सा मानी जा रही है।

यह भी पढ़ें: हवस का पुजारी: खुशियां देने का वादा कर विधवा को किया प्रेग्नेंट, फिर शादी के बाद सौतेली बेटी के साथ भी...
मिली कड़ी सज़ा
कोर्ट ने इन लड़कियों को 11 महीने की सुधारात्मक श्रम की सज़ा सुनाई है। इसके अलावा उनकी यूनिवर्सिटी Stroganov Russian State University of Art and Industry ने भी सख्त कदम उठाते हुए तीनों को निष्कासित कर दिया है।
यह भी पढ़ें: पति ने दोस्त के साथ की पत्नी की अदला-बदली, कहा- 'अगर पास रहना है तो मेरे दोस्त के साथ... वरना!
रूढ़िवादी समूह 'सोरक सोरोकोव' ने इस घटना की आलोचना करते हुए इन लड़कियों को 'मूर्ख' कहा, जो लोकप्रियता के लिए ऐसा कर रही थीं। उन्होंने इस बात पर भी नाराज़गी जताई कि यह वही चर्च है जहां अक्सर रूसी राष्ट्रपति पुतिन आते हैं। इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाने और सांस्कृतिक/धार्मिक स्थलों पर लोगों के व्यवहार को लेकर बहस छेड़ दी है।