Edited By Tanuja,Updated: 15 Oct, 2025 07:26 PM

हमास ने नेपाली छात्र बिपिन जोशी का शव दो साल बाद इज़राइल को सौंपा। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुषिला कार्की ने शोक व्यक्त करते हुए उनकी वीरता को श्रद्धांजलि दी। बिपिन “लर्न एंड अर्न” कार्यक्रम के तहत इज़राइल में थे। किबुत्ज़ अलुमीम हमले में 10...
International Desk: नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने बुधवार को नेपाली छात्र बिपिन जोशी की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया। हमास ने दो वर्षों की लंबी प्रतीक्षा और उम्मीदों के बाद उनका शव इज़राइल को सौंप दिया। प्रधानमंत्री कार्की ने एक्स (X) पर लिखा “दो साल की प्रार्थनाओं और उम्मीदों के बाद बिपिन जोशी की मृत्यु की पुष्टि करने वाली यह खबर हमें गहराई से दुखी कर गई है। इस कठिन समय में मैं उनके प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।”
23 वर्षीय बिपिन जोशी सितंबर 2023 में इज़राइल पहुंचे थे, हमास के 7 अक्टूबर के हमले से सिर्फ 25 दिन पहले। वे "लर्न एंड अर्न" कार्यक्रम के तहत *किबुत्ज़ अलुमीम में पढ़ाई और काम कर रहे थे। कार्की ने कहा, “बिपिन जोशी केवल एक छात्र नहीं थे, बल्कि हजारों नेपाली युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे जो ज्ञान की खोज में विदेश जाते हैं। उनका जीवन उत्साह, परिश्रम और दूसरों की मदद की भावना से भरा था।”
प्रधानमंत्री ने उन्हें “नेपाल का बेटा और शांति का समर्थक” बताते हुए कहा कि “उनकी मृत्यु ने पूरे देश की दो सालों की उम्मीदों को तोड़ दिया। मगर उन्होंने अपने साथियों की जान बचाने में जो साहस और बलिदान दिखाया, वह नेपाल के इतिहास में सदा अमर रहेगा।” हमले के समय किबुत्ज़ अलुमीम में 17 नेपाली मौजूद थे जिनमें 10 की मौत, 5 घायल हुए और 1 सुरक्षित बच गया।
नेपाल के विदेश सचिव अमृत बहादुर राय ने मंगलवार को इज़राइल के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक एडन बार ताल से बातचीत की। इज़राइल ने नेपाल सरकार और बिपिन जोशी के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके शव को नेपाल भेजने में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।विदेश मंत्रालय ने कहा, “नेपाल सरकार इज़राइल के निरंतर प्रयासों की सराहना करती है, जिन्होंने अंतिम क्षण तक बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश की।”