मंदिर को लेकर भिड़े भारत के 2 पड़ोसी देश, प्रधानमंत्री मानेट ने की युद्ध की पुष्टि

Edited By Updated: 24 Jul, 2025 03:38 PM

thai cambodia border crisis escalates with exchange of gunfire 9 killed

दक्षिण-पूर्व एशिया में दशकों बाद एक बार फिर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। भारत के पड़ोसी देशों कंबोडिया और थाईलैंड के बीच 11वीं सदी के प्राचीन प्रेह विहेयर मंदिर को लेकर पुराना सीमा...

International Desk: दक्षिण-पूर्व एशिया में दशकों बाद एक बार फिर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। भारत के पड़ोसी देशों कंबोडिया और थाईलैंड के बीच 11वीं सदी के प्राचीन प्रेह विहेयर मंदिर को लेकर पुराना सीमा विवाद एक बार फिर खूनी संघर्ष में बदल गया है। कंबोडिया के प्रधानमंत्री  हुन मानेट ने खुद फेसबुक पोस्ट कर इस युद्ध की पुष्टि कर दी है। प्रधानमंत्री हुन मानेट ने अपने बयान में कहा, “कंबोडिया हमेशा से विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के सिद्धांत पर चला है, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि हमारे पास थाईलैंड के सशस्त्र आक्रमण का जवाब देने के लिए सैन्य कार्रवाई के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।” उन्होंने नागरिकों से शांति बनाए रखने और सीमावर्ती इलाकों को छोड़ने की अपील भी की।

 ये भी पढ़ेंः-थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर बमबारी में कम से कम 14 लोगों की मौत, मंदिर इलाके में बढ़ा तनाव
 

इस बीच हुन मानेट के पिता और लंबे समय तक कंबोडिया पर राज कर चुके  हुन सेन ने भी सोशल मीडिया पर अपील की कि  “लोग सीमावर्ती इलाकों से हट जाएं, लेकिन बाकी जगह सामान्य जीवन जारी रखें।” कंबोडिया के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अध्यक्ष असीम इफ्तिखार अहमद को चिट्ठी लिखकर थाईलैंड के हमले को रोकने के लिए तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है। खास बात यह है कि फिलहाल यूएनएससी की अध्यक्षता पाकिस्तान के पास है। कंबोडिया ने खुलकर पाकिस्तान से इस मसले पर समर्थन मांगा है। कंबोडिया के सैनिकों की भारी गोलीबारी के जवाब में थाईलैंड ने एफ-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडियाई इलाकों में बमबारी की है। थाईलैंड का दावा है कि कंबोडियाई सैनिकों ने थाई सीमा में घुसपैठ की थी, इसलिए जवाब देना जरूरी था। थाई विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यदि कंबोडिया अपनी सैन्य कार्रवाई नहीं रोकता, तो थाईलैंड आत्मरक्षा के अधिकार का पूरा इस्तेमाल करेगा।

 

क्या है मामला ?
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवाद की जड़ वही पुराना प्रेह विहेयर मंदिर है। यह मंदिर कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर स्थित है। साल 1962 में  इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ)  ने इसे कंबोडिया का हिस्सा माना था। लेकिन थाईलैंड अब भी इस मंदिर से सटे इलाके पर दावा करता है। कंबोडिया आरोप लगाता रहा है कि थाईलैंड उसकी सीमा में सड़कें और चौकियां बना रहा है, जबकि थाईलैंड इसे अपना इलाका बताता है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ सालों में कई बार झड़पें हो चुकी हैं, लेकिन इस बार मामला खुली जंग तक पहुंच गया है। कंबोडिया ने साफ कर दिया है कि वह अब पीछे हटने वाला नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी थाईलैंड के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। थाईलैंड ने भी चेतावनी दी है कि अगर हमला जारी रहा तो जवाब और कड़ा होगा। ऐसे में दक्षिण-पूर्व एशिया में एक नई सैन्य जंग की आशंका खड़ी हो गई है।
 

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