पाकिस्तान का पर्दाफाश, TRF के जरिए विदेशी फंडिंग से फैलाया जा रहा था आतंक; NIA की जांच में खुलासा

Edited By Updated: 03 Sep, 2025 12:08 PM

trf terror funding network exposed by nia

एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है, जिसे पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने के लिए बनाया। TRF को मलेशिया सहित विदेशी स्रोतों से फंडिंग मिल रही थी। अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। यह...

इंटरनेशनल डेस्क: भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक हालिया जांच में पाकिस्तान की एक और आतंकी चाल का खुलासा हुआ है। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुखौटे के रूप में काम कर रहा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) अब पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है। अमेरिका द्वारा इसे विदेशी आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद इस पर एनआईए की जांच और तेज हो गई है। जांच में सामने आया है कि TRF को विदेशी फंडिंग के जरिए चलाया जा रहा था और इसके तार सीधे पाकिस्तान और मलेशिया से जुड़े हुए हैं।

TRF: लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम

TRF को वर्ष 2019 में उस वक्त बनाया गया जब कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन कमजोर पड़ने लगा। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदनाम होने से बचाने के लिए TRF को एक "स्थानीय विद्रोह" का नाम देने की कोशिश की। लेकिन अब जांच से साफ हो गया है कि यह एक सोची-समझी आतंकी रणनीति थी, जिसका संचालन पूरी तरह से पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा कर रहे थे।

फंडिंग का खुलासा: विदेशी संपर्कों से जुट रहा था पैसा

एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि TRF को विदेशी नागरिकों से फंडिंग मिल रही थी। इस मामले में एक व्यक्ति, सज्जाद अहमद मीर का नाम सामने आया है, जो मलेशिया में रहता है। TRF के लिए फंडिंग का पूरा नेटवर्क सज्जाद जैसे लोगों के जरिए संचालित हो रहा था। एक और संदिग्ध यासिर हयात के कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि वह TRF के फंडिंग नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। उसने मलेशिया का कई बार दौरा किया और वहां से करीब 9 लाख रुपये की रकम जुटाई, जिसे TRF के एक अन्य ऑपरेटिव शफात वानी को सौंपा गया।

शफात वानी: 'कॉन्फ्रेंस' के बहाने फंड जुटाने की चाल

शफात वानी ने यह दावा किया था कि वह मलेशिया किसी यूनिवर्सिटी के कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने गया था। लेकिन जांच में यह झूठ साबित हुआ क्योंकि यूनिवर्सिटी ने उसके खर्च का कोई रेकॉर्ड नहीं दिया। इससे स्पष्ट हो गया कि उसका असली मकसद आतंकी संगठन के लिए पैसा जुटाना था।

कॉल डिटेल से हुआ बड़ा खुलासा

एनआईए को यासिर हयात के मोबाइल में 463 कॉन्टैक्ट्स मिले हैं जिनमें कई नंबर पाकिस्तान और मलेशिया के हैं। इन कॉल डिटेल्स की जांच से TRF के विदेशी नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। यह जानकारी भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे FATF (Financial Action Task Force) के सामने पाकिस्तान की सच्चाई रखी जा सकती है।

FATF में पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी

पाकिस्तान ने TRF को इस तरह पेश किया कि यह कश्मीर की एक "स्थानीय" बगावत है। लेकिन एनआईए की जांच ने साबित कर दिया कि TRF एक विदेशी वित्त पोषित आतंकी संगठन है, जो लश्कर-ए-तैयबा के इशारों पर काम करता है। अब भारत इस पूरे फंडिंग नेटवर्क को सबूतों के साथ FATF के सामने पेश कर सकता है जिससे पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट में डाला जा सकता है। यह उसके लिए बड़ा झटका होगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी छवि और खराब हो सकती है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!