ट्रंप का नया विवादित आदेशः विदेशी वर्कर्स  बेशक आएं , अमेरिकियों को सिखाओ और निकल जाओ !

Edited By Updated: 13 Nov, 2025 06:58 PM

trump wants skilled overseas workers to train americans  then go back home

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा प्रोग्राम का बचाव करते हुए कहा कि विदेशों से कुशल कामगारों को लाकर अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और बाद में वे अपने देश लौट जाएंगे। प्रशासन ने वीज़ा दुरुपयोग पर 175 जांचें शुरू की हैं और...

Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीज़ा प्रोग्राम का बचाव करने के एक दिन बाद, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने कहा कि राष्ट्रपति की “दृष्टि” यह है कि विदेशी कुशल कर्मचारी अमेरिका आकर अमेरिकी वर्कर्स को प्रशिक्षित करें और फिर अपने देश लौट जाएं।बेसेंट ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा,“राष्ट्रपति का विजन है कि हम उन विदेशी वर्कर्स को लाएं जिनके पास स्किल्स हैं, और 3, 5 या 7 साल में वे अमेरिकी कर्मचारियों को ट्रेन करें। इसके बाद वे अपने देश लौट जाएं और अमेरिकी कर्मचारी पूरी तरह से उन नौकरियों को संभाल लें।”उन्होंने कहा कि पिछले 20–30 वर्षों में अमेरिका ने प्रेसिजन मैन्युफैक्चरिंग (Precision Manufacturing) जैसी नौकरियों को दूसरे देशों में आउटसोर्स कर दिया है।“राष्ट्रपति का कहना है कि आप एक झटके में किसी को शिप बनाना या सेमीकंडक्टर तैयार करना नहीं सिखा सकते। इसलिए हमें विदेशी विशेषज्ञों की मदद से इन इंडस्ट्रीज़ को वापस अमेरिका लाना होगा।”

 

अमेरिका के पास कुछ टैलेंट की कमी 
ट्रंप ने हाल ही में फॉक्स न्यूज की होस्ट लॉरा इन्ग्राहम को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिका को दुनिया से टैलेंट लाना पड़ेगा क्योंकि देश में “कुछ विशेष कौशल” की कमी है। जब इन्ग्राहम ने कहा कि “हमारे पास काफी टैलेंट है”, तो ट्रंप ने जवाब दिया-“नहीं, आपके पास नहीं है। कुछ स्किल्स आपको सीखनी पड़ेंगी। आप बेरोजगार लोगों को फैक्ट्री में डालकर यह नहीं कह सकते कि अब वे मिसाइलें बनाएंगे।” उन्होंने उदाहरण दिया कि जॉर्जिया में बैटरी बनाने के लिए दक्षिण कोरिया के कुशल कर्मचारियों को बुलाया गया था, क्योंकि यह काम “बहुत जटिल और खतरनाक” है।ट्रंप ने कहा- ऐसे में अगर हम कहें कि विदेशी वर्कर्स को निकाल दो, तो वो इंडस्ट्री ही ठप पड़ जाएगी ।

 

सख्ती और नए नियम
ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीज़ा प्रोग्राम में हो रहे दुरुपयोग पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह वीज़ा मुख्यतः टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा विदेशी प्रोफेशनल्स खासकर भारतीय आईटी इंजीनियर्स और डॉक्टरों को नियुक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।सितंबर 2025 में ट्रंप ने एक नई प्रोक्लेमेशन (‘Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers’) जारी की थी। इसके तहत 21 सितंबर 2025 के बाद दायर किए गए कुछ एच-1बी आवेदन में अतिरिक्त 100,000 डॉलर का शुल्क देना अनिवार्य होगा। पिछले सप्ताह प्रशासन ने लगभग 175 जांचें शुरू कीं — जिनमें कम वेतन देने, फर्जी कार्यस्थलों के पते और “बेंचिंग” (कर्मचारियों को बिना काम के बैठाए रखना) जैसी अनियमितताएं शामिल हैं।

 

क्या है  ट्रंप का नया वीज़ा मॉडल
अमेरिकी श्रम विभाग (Department of Labour) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर कहा,“अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा के मिशन के तहत हमने एच-1बी वीज़ा के दुरुपयोग पर 175 जांचें शुरू की हैं।” श्रम मंत्री लोरे चावेज़-डि-रेमर (Lori Chavez-DeRemer) ने कहा कि विभाग हर संभव संसाधन का उपयोग करेगा ताकि “विदेशी वर्कर्स के कारण अमेरिकी नागरिकों की नौकरी न छिने” और ‘American Workers First’ नीति को लागू किया जा सके।

  • कुशल विदेशी वर्कर्स को अस्थायी रूप से बुलाया जाएगा।
  • वे अमेरिकी कर्मचारियों को ट्रेन करेंगे।
  • तय समय के बाद वे अपने देश लौट जाएंगे।
  • अमेरिकी नागरिक पूरी तरह प्रशिक्षित होकर नौकरियों को संभालेंगे।

 

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