Edited By Tanuja,Updated: 31 Dec, 2025 01:24 PM

अमेरिका ने ईरान-वेनेजुएला के बीच कथित हथियार सौदे को लेकर कड़ा कदम उठाते हुए 10 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका का आरोप है कि ईरान ने वेनेजुएला को ड्रोन समेत हथियार सप्लाई कर अमेरिकी सुरक्षा हितों को खतरे में डाला।
International Desk: अमेरिका ने ईरान और वेनेजुएला के बीच कथित हथियार व्यापार को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए 10 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। अमेरिकी प्रशासन का आरोप है कि ईरान ने वेनेजुएला को पारंपरिक हथियार और ईरानी डिजाइन के लड़ाकू ड्रोन सप्लाई किए, जिससे अमेरिका और उसके सहयोगियों की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ। अमेरिकी विदेश विभाग और वित्त विभाग ने अलग-अलग बयानों में कहा कि प्रतिबंधित वेनेजुएला स्थित एक कंपनी करोड़ों डॉलर के ईरानी ड्रोन सौदे में शामिल थी। इन ड्रोन का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उसने प्रतिबंधित सैन्य गतिविधियां फिर से शुरू कीं, तो उसे “पिछली बार से भी ज्यादा शक्तिशाली” परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने यह बयान फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को संकेत मिले हैं कि पहले किए गए अमेरिकी हमलों के बाद ईरान वैकल्पिक सैन्य ठिकानों की तलाश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “पुराने ठिकाने पूरी तरह तबाह हो चुके हैं, लेकिन अगर वे नए ठिकानों की ओर बढ़ रहे हैं, तो यह बहुत बड़ी गलती होगी।” हालांकि, सख्त लहजे के साथ ट्रंप ने कूटनीतिक संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार है। “मैं पहले भी बातचीत चाहता था, अब उन्हें समझ आ गया है कि क्या हो सकता है,” ट्रंप ने कहा। ट्रंप ने साफ किया कि मिडिल ईस्ट में स्थायी शांति के लिए ईरान के प्रभाव को सीमित करना जरूरी है। उनके मुताबिक, “अगर ईरान अपनी ताकत बढ़ाता रहा, तो मध्य-पूर्व में शांति संभव नहीं है।”