Nepal Crisis: अब किसके हाथ जाएगी नेपाल की सत्ता? Gen-Z ने कर दिया बड़ा ऐलान!

Edited By Updated: 10 Sep, 2025 06:25 PM

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नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच अब सवाल यह है कि देश की कमान कौन संभालेगा। इसी को लेकर Gen-Z आंदोलनकारियों ने ऑनलाइन बैठक बुलाई, जिसमें 5,000 से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में सबसे ज्यादा समर्थन पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला...

नेशनल डेस्क : नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच अब सवाल यह है कि देश की कमान कौन संभालेगा। इसी को लेकर Gen-Z आंदोलनकारियों ने ऑनलाइन बैठक बुलाई, जिसमें 5,000 से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में सबसे ज्यादा समर्थन पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को मिला।

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बालेन शाह ने चुप्पी साधी

काठमांडू के मेयर बालेन शाह, जिन्हें अब तक युवाओं का पोस्टर लीडर माना जाता रहा, उन्होंने इस अपील पर कोई जवाब नहीं दिया। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब उनसे संपर्क नहीं हो पाया तो चर्चा दूसरे नामों की ओर बढ़ी और बहुमत कार्की के पक्ष में गया।

कार्की को मिले 2,500 से ज्यादा समर्थन पत्र

सुशीला कार्की ने पहले साफ कहा था कि पीएम पद के लिए कम से कम 1,000 लिखित समर्थन जरूरी होंगे। सूत्रों का कहना है कि अब तक उन्हें 2,500 से ज्यादा हस्ताक्षर मिल चुके हैं।

अन्य नामों पर भी हुई चर्चा

इस ऑनलाइन मीटिंग में कुलमान घिसिंग, सागर ढकाल और हर्का सम्पांग जैसे नामों पर भी बातचीत हुई। यहां तक कि यूट्यूबर Random Nepali को भी कुछ वोट मिले, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे तभी भूमिका लेंगे जब बाकी सभी इनकार कर देंगे।

अब आगे क्या होगा

अगर सुशीला कार्की इस प्रस्ताव को स्वीकार करती हैं, तो माना जा रहा है कि वह सबसे पहले सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल से मिलेंगी। इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की औपचारिक मंजूरी जरूरी होगी।

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कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं थीं। उन्होंने 2016 में यह पद संभाला। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने एक शिक्षक के रूप में की, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं। कार्की भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सख्त और निडर फैसलों के लिए जानी जाती हैं। वह 2006 में संवैधानिक मसौदा समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं। 2009 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट की एड-हॉक जज नियुक्त किया गया और अगले ही साल यानी 2010 में स्थायी जज बनाया गया। इसके बाद 2016 में वह पहले कार्यवाहक और फिर स्थायी मुख्य न्यायाधीश बनीं। सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। उनकी नियुक्ति नेपाल में महिलाओं की समानता और संवैधानिक अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी गई।



 

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