दो बार मौत के दरवाज़े से लौटी महिला: भगवान से की बहस, बच्चों के लिए मांगी ज़िंदगी

Edited By Updated: 19 Sep, 2025 07:42 AM

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क्या मौत सच में अंत होती है, या फिर यह किसी दूसरी दुनिया की शुरुआत? इस सवाल का जवाब हम में से किसी के पास नहीं है – लेकिन कुछ लोग ऐसे अनुभवों से गुज़रे हैं जो इस रहस्य से थोड़ा पर्दा हटाते हैं। अमेरिका की रहने वाली पेगी रॉबिन्सन एक ऐसी ही महिला हैं,...

नई दिल्ली: क्या मौत सच में अंत होती है, या फिर यह किसी दूसरी दुनिया की शुरुआत? इस सवाल का जवाब हम में से किसी के पास नहीं है – लेकिन कुछ लोग ऐसे अनुभवों से गुज़रे हैं जो इस रहस्य से थोड़ा पर्दा हटाते हैं। अमेरिका की रहने वाली पेगी रॉबिन्सन एक ऐसी ही महिला हैं, जिन्होंने मौत को दो बार बेहद करीब से महसूस किया - और दोनों बार ज़िंदा लौट आईं। पेगी का अनुभव सिर्फ चौंकाने वाला ही नहीं, बल्कि बेहद भावनात्मक भी है। उन्होंने बताया कि पहली बार उनकी मौत महज़ 5 साल की उम्र में हुई थी, जब वह एक गंभीर दुर्घटना में थीं। उस वक्त उन्हें सिर्फ हल्की यादें हैं, लेकिन जो दूसरी बार हुआ, वो उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मोड़ बन गया।

मौत के पार की दुनिया: रोशनी, आकाशगंगाएं और एक सफेद कमरा
जब पेगी 25 साल की थीं, तब उनकी प्रेग्नेंसी में गंभीर जटिलताएं आ गईं। शरीर में अंदरूनी रक्तस्राव (internal bleeding) के चलते डॉक्टरों ने उन्हें मृत मान लिया। लेकिन उसी वक्त पेगी ने जो महसूस किया, वह विज्ञान की सीमाओं से परे है। उनके अनुसार, उन्होंने अपने शरीर को नीचे छोड़ते हुए देखा और ऐसा लगा जैसे वह एक रॉकेट की तरह अंतरिक्ष में उड़ रही हों। उन्होंने आकाशगंगाओं को पार किया और एक चमचमाते सफेद कमरे में पहुंचीं — जहां उन्होंने खुद को ईश्वर के सामने खड़ा पाया।

मैं नहीं जाऊंगी! – भगवान से बहस
पेगी ने दावा किया कि ईश्वर ने उनसे कहा कि उनका समय पूरा हो गया है। लेकिन उन्होंने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था, “मैं अपने बच्चों को छोड़कर नहीं जा सकती। उन्हें मेरी ज़रूरत है।” जब ईश्वर ने उन्हें उनके बच्चों का भविष्य दिखाया – जिसमें उनके बेटे अपनी मां की मौत पर दुख ज़ाहिर कर रहे थे – तो पेगी की आंखों से आंसू बहने लगे। उन्हें अपनी जिद पर पछतावा हुआ, लेकिन तभी उनके मन में एक और सवाल आया - “उन्हें आपके बारे में कौन सिखाएगा?” बस, इसी सवाल ने सब कुछ बदल दिया। उसी पल वह अपने शरीर में वापस लौट आईं और खुद को अस्पताल के बिस्तर पर पाया।

डॉक्टरों ने छोड़ दी थी उम्मीद, फिर हुआ चमत्कार
डॉक्टरों ने पेगी के बचने की उम्मीद लगभग खत्म कर दी थी। परिवार को अलविदा कहने के लिए बुला लिया गया था। दुर्भाग्य से, उनके गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों को नहीं बचाया जा सका। लेकिन पेगी खुद मौत के मुंह से वापस आ गईं। आज, पेगी अपने अनुभव को एक उद्देश्य की तरह साझा करती हैं। उनका मानना है कि ईश्वर हर किसी से बात करते हैं, लेकिन हमें उन्हें सुनने का तरीका सीखना होगा। वो कहती हैं – "यादें हमें सबक देने के लिए होती हैं, और यह एहसास दिलाने के लिए कि हम कभी अकेले नहीं हैं।"
 

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