अंतिम समय में बिकवाली से शेयर बाजारों में गिरावट, पहली तिमाही के नतीजे से सन फार्मा 10 प्रतिशत उछला

Edited By Updated: 30 Jul, 2021 06:52 PM

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मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट रही और सेंसेक्स और निफ्टी दोनों मामूली नुकसान के साथ बंद हुए। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बैंक, वित्तीय और धातु शेयरों में कारोबार के अंतिम घंटे में बिकवाली से बाजार नीचे...

मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट रही और सेंसेक्स और निफ्टी दोनों मामूली नुकसान के साथ बंद हुए। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बैंक, वित्तीय और धातु शेयरों में कारोबार के अंतिम घंटे में बिकवाली से बाजार नीचे आया।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 66.23 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 52,586.84 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 15.40 अंक यानी 0.10 प्रतिशत टूटकर 15,763.05 अंक पर बंद हुआ।

कारोबारियों के अनुसार कारोबार के दौरान बाजार ज्यादातर समय सीमित दायरे में रहा। कमजोर वैश्विक रुख के कारण निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।

यूरोपीय बाजारों के नकारात्मक दायरे में खुलने के बाद यहां कारोबार के अंतिम समय में बिकवाली दबाव देखा गया।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक 2.59 प्रतिशत नुकसान में बजाज फाइनेंस रहा। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही।

दूसरी तरफ सन फार्मा में सर्वाधिक 10.06 प्रतिशत की तेजी आयी। कंपनी का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 1,444.17 करोड़ रुपये रहने की खबर से इसमें तेजी आयी। एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में कंपनी को 1,655.60 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

इसके अलावा, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, बजाज ऑटो, एनटीपीसी और एचसीएल टेक समेत अन्य शेयरों में 7.24 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 388.96 अंक यानी 0.73 प्रतिशत नीचे आया जबकि निफ्टी 93 अंक यानी 0.58 प्रतिशत टूटा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘दवा, औषधि और वाहन कंपनियों के शेयरों के समर्थन से घरेलू शेयर बाजारों में एक समय तेजी देखी गयी। लेकिन कमजोर वैश्विक रुख से तेजी जाती रही। यूरो क्षेत्र में मुद्रास्फीति जुलाई में सालाना आधार पर बढ़कर 2.2 प्रतिशत पहुंच गयी। यह यूरोपीय केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से अधिक है। इसका असर यूरोपीय बाजारों पर पड़ा। चीन बाजार में भी स्थिति नाजुक बनी हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दवा कंपनियों में तेजी लौटी और पहली तिमाही में कमजोर नतीजों को लेकर चिंता दूर हुई क्योंकि प्रमुख कंपनियों के जारी परिणाम बाजार उम्मीद के अनुरूप रहे है। उर्वरक कंपनियों पर भी आज जोर रहा क्योंकि घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये चीनी कंपनियों से निर्यात निलंबित करने को कहा गया है।’’
बीएसई मिडकैप और स्मॉल कैप (मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों से जुड़े सूचकांक) 0.69 प्रतिशत मजबूत हुए।

एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सियोल काफी नुकसान में बंद हुए। यूरोप के प्रमुख बाजारों में मध्याह्न कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 13 पैसे टूटकर 74.42 पर बंद हुई।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.89 पर आ गया।

शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने 866.26 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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