Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Nov, 2021 11:12 AM

सूरत का एक 14 साल का बच्चा मरते-मरते 6 लोगों को नई जिदंगी दे गया । दरअसल, उसकी मृत्यु ब्रेन डेड होने से हुई जिसके चलते उसने 6 लोगों को अपने शरीर के अंगों के जरिये नई जिंदगी दी। उसका अंगदान उसके माता-पिता ने किया है।
सूरत: सूरत का एक 14 साल का बच्चा मरते-मरते 6 लोगों को नई जिदंगी दे गया । दरअसल, उसकी मृत्यु ब्रेन डेड होने से हुई जिसके चलते उसने 6 लोगों को अपने शरीर के अंगों के जरिये नई जिंदगी दी। उसका अंगदान उसके माता-पिता ने किया है।
सूरत के रहने वाले 14 साल के धार्मिक काकड़िया की तबीयत 27 अक्टूबर को अचानक खराब हुई थी। ऐसे में उसके माता पिता उसे इलाज के लिए तुरंत सूरत के किरन अस्पताल ले गए थे, वहां डॉक्टरों ने उसकी स्वास्थ्य जांच की और उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। धार्मिक के ब्रेन डेड होने की जानकारी शहर की डोनेट लाइफ संस्था को हुई तो उसकी टीम भी अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने बच्चे के माता पिता को अंगदान का महत्व समझाया और उन्हें इसे लिए प्रेरित किया।
टीम के समझाने के बाद उसके माता पिता अंगदान के लिए तैयार हो गए। इसके बाद उन्होंने उसकी आंखों, हृदय, लिवर और दोनों हाथों को 6 लोगों को दान किया।
उसके अंगदान किए गए अंगों को चेन्नई, अहमदाबाद और मुंबई पहुंचाना था, इसके लिए तीन अलग-अलग ग्रीन कॉरिडोर भी बनाए गए और उन्हें समय से इन शहरों तक पहुंचाया गया।
धार्मिक के दोनों हाथ पुणे के 32 साल के व्यक्ति को दान किए गए। जब उसका हृदय जूनागढ़ के 15 साल के बच्चे को दान किया गया। वहीं फेफड़े आंध्र प्रदेश के 44 साल के व्यक्ति को दान किए गए। इसके साथ ही धार्मिक के लिवर को गुजरात के पाटण निवासी 35 साल के व्यक्ति को दिया गया। धार्मिक की आंखें किरन अस्पताल में ही जरूरतमंद को दी गईं।
बता दें कि धार्मिक काकड़िया को पांच साल से किडनी की बीमारी थी और हालत इतनी खराब थी कि पिछले एक साल से उसे हफ्ते में तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता था। लेकिन 27 अक्टूबर को अचानक तबीयत खराब होने से उसकी मृत्यु हो गई।