महाकुंभ : भगदड़ में मरने वालों की संख्या आई सामने, प्रशासन ने जारी किया आंकड़ा

Edited By Updated: 29 Jan, 2025 06:51 PM

30 dead 60 injured in maha kumbh stampede administration confirmed

मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 अन्य घायल हो गए।

नेशनल डेस्क: मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 अन्य घायल हो गए। महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पुष्टि की।   डीआईजी ने बताया कि बैरिकेड टूटने की वजह से यह हादसा हुआ।

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30 श्रद्धालुओं की मौत, 25 की हुई पहचान- डीआईजी
घटना के लगभग 16 घंटे बाद बुधवार शाम को भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीजीआई) वैभव कृष्ण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस हादसे में 60 अन्य जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों में से 25 लोगों की पहचान हो चुकी है जबकि शेष की शिनाख्त की जानी है। अधिकारी ने बताया कि मृतकों में कर्नाटक के चार, असम और गुजरात से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। डीआईजी के मुताबिक, 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है तथा कुछ घायलों के परिजन उन्हें लेकर चले गए हैं।
 

कृष्ण ने घटना की वजह के बारे में बताया कि मौनी अमावस्या के मुख्य स्नान पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से मंगलवार देर रात एक से दो बजे के मध्य मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना और उस दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरिकेट्स टूट गए। उन्होंने बताया, “घाट पर ब्रह्म मुहूर्त के स्नान के इंतजार में बैठे और कुछ लेटे हुए श्रद्धालुओं को इस भीड़ ने कुचलना शुरू कर दिया। हालांकि प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए कॉरिडोर बनाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन उसमें से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई।”
PunjabKesariहेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया
मेला डीआईजी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है जिस पर यदि कोई व्यक्ति लापता है तो उसके संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि 29 जनवरी के स्नान के लिए शासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं देने के लिए सख्त निर्देश दिए थे। कृष्ण ने बताया कि उसके अनुरूप मेला प्रशासन ने कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल को नहीं माना और तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर्व पर भी काफी भीड़ होने की संभावना है और उसमें भी वीआईपी प्रोटोकॉल को लागू नहीं किया जाएगा।
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मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि मेला प्रशासन की प्राथमिकता है कि जो भी लोग स्नान करने आए हुए हैं, वे सुरक्षित अपने गंतव्य तक वापस पहुंचे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ‘हादसे' को ‘अत्यंत दुखद' करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की।

 


मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक 
मुख्यमंत्री ने भगदड़ के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए लखनऊ में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि हादसे में कुछ श्रद्धालु ‘गंभीर रूप से घायल' हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘रात में एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर, जहां से अमृत स्नान की दृष्टि से बैरिकेड्स लगाए गए थे, उनको फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उपचार की व्यवस्था की गई है। उनमें से कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं।'' भगदड़ के कारण संगम में अखाड़ों का स्नान सुबह के बजाय दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुआ। विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी। 


 

 

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