Edited By Harman Kaur,Updated: 29 Jul, 2025 06:35 PM

लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार की रणनीति, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर तीखे सवाल खड़े किए। अपने संबोधन में राहुल ने सरकार पर कड़े...
नेशनल डेस्क: लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार की रणनीति, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर तीखे सवाल खड़े किए। अपने संबोधन में राहुल ने सरकार पर कड़े आरोप लगाए और कई ऐतिहासिक संदर्भों से वर्तमान नेतृत्व की तुलना की। उन्होंने अपने बयानों से केंद्र सरकार को हिलाकर रख दिया। आइए जानते हैं राहुल गांधी के बयान की वो 5 बड़ी बातें....

- राहुल गांधी का तीखा हमला, सरकार की रणनीति पर सवाल
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ऑपरेशन के तुरंत बाद पाकिस्तान को शांतिपूर्ण संदेश देकर “आत्मसमर्पण” किया। उन्होंने इसे सरकार की इच्छाशक्ति की कमी बताया।
- PM से ट्रंप के बयान पर स्थिति साफ करने की मांग
राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया कमजोर थी और सरकार ने स्थिति को सही ढंग से नहीं संभाला। उन्होंने कहा कि “हमने एक थप्पड़ मारा और तुरंत कह दिया कि दूसरा नहीं मारेंगे।” राहुल ने यह भी स्पष्ट किया कि गलती सेना की नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व की थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ट्रंप ने 29 बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्ध रुकवाया। राहुल ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री में साहस है, तो उन्हें संसद में आकर यह कहना चाहिए कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उल्लेख करते हुए राहुल ने कहा कि अगर मौजूदा प्रधानमंत्री में उनका 50 प्रतिशत भी साहस होता, तो वे राष्ट्र के सामने सच रख पाते।

- चीन-पाकिस्तान गठजोड़ पर चेतावनी
राहुल ने संसद में दावा किया कि पाकिस्तान को चीन से “लाइव बैटल फील्ड फीड” मिल रही थी और दोनों देशों की सेनाएं मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने इसे भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि इस चुनौती का सामना करने में सरकार विफल रही है।

- विदेश नीति पर असफलता के आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद किसी देश ने पाकिस्तान की खुले तौर पर निंदा नहीं की, जबकि सरकार दावा कर रही थी कि कई इस्लामिक देशों ने भारत का समर्थन किया। उन्होंने इसे भारत की कूटनीतिक हार बताया।
- ऐतिहासिक सन्दर्भों से सरकार की तुलना
राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल सैम मानेकशॉ के उदाहरण देते हुए कहा कि 1971 में अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया था। उन्होंने ‘न्यू नॉर्मल’ शब्द पर भी कटाक्ष किया और कहा कि विदेश मंत्री ने यह शब्द इस्तेमाल तो किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि हमले के बाद किसी एक भी इस्लामिक देश ने पाकिस्तान की खुलकर निंदा की हो। राहुल ने जोर देते हुए कहा कि दुनिया ने आतंकवाद की आलोचना की, लेकिन पाकिस्तान को सीधे तौर पर किसी ने दोषी नहीं ठहराया, जो भारत की विदेश नीति की असफलता दर्शाता है। वहीं, राहुल गांधी के इस हमले से लोकसभा में हलचल मच गई, जहां सत्ता पक्ष ने उनके आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया, वहीं विपक्षी दलों ने राहुल के बयानों का समर्थन करते हुए सरकार से जवाब मांगा।