बैंकों में पड़े हैं ₹67,000 करोड़, क्या आप जानते हैं आपके कितने रुपये हैं अनक्लेम्ड? जानें कैसे मिलेंगे वापस

Edited By Updated: 29 Jul, 2025 12:23 PM

67 000 crore unclaimed in banks is some of it yours

भारत के बैंकों में करीब 67,000 करोड़ रुपये की रकम ऐसे खातों में पड़ी है, जिनका कोई मालिक नहीं है या जिन्हें ‘अनक्लेम्ड’ माना गया है। इसका मतलब है कि ये पैसे बैंक में जमा जरूर हैं, लेकिन कोई भी व्यक्ति या संस्था अब तक इन्हें वापस लेने के लिए सामने...

नेशनल डेस्क: भारत के बैंकों में करीब 67,000 करोड़ रुपये की रकम ऐसे खातों में पड़ी है, जिनका कोई मालिक नहीं है या जिन्हें ‘अनक्लेम्ड’ माना गया है। इसका मतलब है कि ये पैसे बैंक में जमा जरूर हैं, लेकिन कोई भी व्यक्ति या संस्था अब तक इन्हें वापस लेने के लिए सामने नहीं आई। इस बड़ी रकम का बड़ा हिस्सा सरकारी बैंक यानी पब्लिक सेक्टर के पास है, जबकि प्राइवेट बैंक भी पीछे नहीं हैं।

अनक्लेम्ड डिपॉजिट क्या होता है?

जब बैंक में कोई फिक्स्ड डिपॉजिट या सेविंग्स/करंट अकाउंट में पैसे जमा होते हैं, और 10 साल तक उस खाते में कोई लेन-देन नहीं होता, तब वह पैसा 'अनक्लेम्ड डिपॉजिट' माना जाता है। ऐसा अक्सर तब होता है जब खाताधारक अपनी जमा राशि के बारे में भूल जाते हैं, या उनकी मृत्यु हो जाती है, या फिर वे कहीं चले जाते हैं। बैंक इन खातों की रकम को फिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के “Depositor Education and Awareness Fund” में ट्रांसफर कर देते हैं।

बैंक और अनक्लेम्ड रकम का बंटवारा

भारत के बैंकों में कुल अनक्लेम्ड रकम लगभग 67,000 करोड़ रुपये है। इसमें से करीब 58,330 करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर के बैंकों के पास हैं, जो कुल राशि का लगभग 87% हिस्सा बनाता है। इस सूची में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सबसे आगे है, जिसके पास अकेले 19,329 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड रकम है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के पास 6,910 करोड़ रुपये, कैनरा बैंक के पास 6,278 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 5,277 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं। वहीं, प्राइवेट बैंकों के पास कुल 8,673 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड रकम है, जिसमें सबसे ज्यादा राशि ICICI बैंक के पास है, जो 2,063 करोड़ रुपये तक पहुंचती है।

अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स बढ़ क्यों रहे हैं?

पिछले कुछ वर्षों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट की राशि में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2022-23 में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के Depositor Education and Awareness Fund में लगभग 12,254 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जो इससे पिछले वर्षों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक थे। हालांकि 2023-24 में यह राशि थोड़ी घटकर 11,794 करोड़ रुपये रही। इसके बाद 2024-25 के पहले 9 महीनों में भी यह प्रवृत्ति जारी रही और अब तक करीब 7,946 करोड़ रुपये इस फंड में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि हर साल बैंकिंग सिस्टम में हजारों करोड़ रुपये ऐसे जमा हो रहे हैं, जिन पर कोई दावा नहीं करता।

कैसे खोजें अपना खोया हुआ पैसा?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए 2023 में '100 Days 100 Pays' अभियान शुरू किया। इसके तहत अगस्त 2023 में UDGAM नामक पोर्टल लॉन्च किया गया, जहां आप एक ही जगह पर विभिन्न बैंकों में पड़े अपने अनक्लेम्ड पैसों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस पोर्टल पर अब तक 8.5 लाख से अधिक लोग रजिस्टर कर चुके हैं। यदि आपको लगता है कि आपके नाम भी बैंक में पैसे पड़े हो सकते हैं, तो आप UDGAM पोर्टल पर जाकर अपना पता लगा सकते हैं।

क्या करें अगर आपका पैसा अनक्लेम्ड हो गया?

  • सबसे पहले, आप अपने बैंक से संपर्क करें और अपना अकाउंट स्टेटमेंट प्राप्त करें।

  • UDGAM पोर्टल पर जाकर पता लगाएं कि आपके नाम पर कोई अनक्लेम्ड राशि तो नहीं है।

  • यदि आपका पैसा RBI के Depositor Education and Awareness Fund में ट्रांसफर हो चुका है, तो भी आप दावा कर सकते हैं।

  • इसके लिए जरूरी दस्तावेज, जैसे पहचान पत्र, बैंक पासबुक और संबंधित फॉर्म बैंक या RBI को जमा करें।

  • बैंक और RBI इस रकम को वापस देने के लिए प्रक्रिया पूरी करते हैं।

यह समस्या क्यों गंभीर है?

यह अनक्लेम्ड रकम न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम में फंसी धनराशि है, बल्कि यह आर्थिक दृष्टि से भी चिंता का विषय है। ये पैसे ग्राहकों के खोए हुए अधिकारों को दर्शाते हैं। साथ ही यह दर्शाता है कि लोग अपनी बैंकिंग जानकारी के प्रति जागरूक नहीं हैं। इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति अपने बैंक खातों पर नज़र रखे, बैंक से समय-समय पर संपर्क बनाए रखें और अपनी जमा राशि की जानकारी लेते रहें।

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