Edited By Rohini Oberoi,Updated: 17 Aug, 2025 03:16 PM

भारत में जिस तरह आधार कार्ड हर नागरिक की पहचान बन चुका है वैसे ही पाकिस्तान में भी एक ऐसा ही जरूरी पहचान पत्र है। इस कार्ड को NADRA कार्ड या CNIC (कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड) कहा जाता है। आइए जानते हैं कि भारत के आधार कार्ड और पाकिस्तान के...
नेशनल डेस्क। भारत में जिस तरह आधार कार्ड हर नागरिक की पहचान बन चुका है वैसे ही पाकिस्तान में भी एक ऐसा ही जरूरी पहचान पत्र है। इस कार्ड को NADRA कार्ड या CNIC (कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड) कहा जाता है। आइए जानते हैं कि भारत के आधार कार्ड और पाकिस्तान के CNIC में क्या समानताएं हैं और क्या फर्क है।
क्या है पाकिस्तान का CNIC कार्ड?
पाकिस्तान में नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) नागरिकों को पहचान पत्र जारी करती है। यह कार्ड हर पाकिस्तानी नागरिक के लिए ज़रूरी है। भारत के आधार कार्ड की तरह इसमें भी फोटो, फिंगरप्रिंट्स, आइरिस स्कैन और पूरा बायोमेट्रिक डाटा होता है। जहां आधार में 12 डिजिट का नंबर होता है वहीं CNIC में 13 अंकों का यूनिक नंबर होता है। इस कार्ड में एक बायोमेट्रिक चिप भी लगी होती है जिससे सरकार को एक क्लिक में नागरिक की सारी जानकारी मिल जाती है।
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CNIC और आधार कार्ड में मुख्य अंतर
➤ उम्र की सीमा: भारत में बच्चों का भी आधार कार्ड बन सकता है जबकि पाकिस्तान में CNIC कार्ड केवल 18 साल से ऊपर के नागरिकों को ही जारी किया जाता है।
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➤ टेक्नोलॉजी और इंटीग्रेशन: भारत का आधार कार्ड टेक्नोलॉजी और इंटीग्रेशन के मामले में CNIC से काफी एडवांस माना जाता है। आधार के जरिए यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति ने कौन-सी सरकारी योजनाओं का लाभ लिया है उसका बैंक अकाउंट कहां है और उसका पैन कार्ड कहां है। यही वजह है कि भारत सरकार ने आधार को कई ज़रूरी कामों के लिए अनिवार्य कर दिया है।
आधार कार्ड को UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) जारी करता है। दोनों देशों के पहचान पत्र का मकसद अपने नागरिकों को एक डिजिटल पहचान देना और सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाना है।