फिल्म 'सैयारा' की एक्ट्रेस हुई इस खतरनाक बीमारी का शिकार, जवानी में ही आ जाता है बुढ़ापा, जानें इसके लक्षण और बचाव

Edited By Updated: 21 Sep, 2025 07:04 PM

actress saira suffers from this disease which can make you old in your youth

फिल्म 'सैयारा' में एक्ट्रेस अनीत पड्डा को जिस बीमारी से जूझते हुए दिखाया गया है वह कोई काल्पनिक बीमारी नहीं बल्कि एक गंभीर और बढ़ती हुई समस्या है। यह बीमारी है अल्जाइमर जिसे अब तक बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था लेकिन अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में...

नेशनल डेस्क। फिल्म 'सैयारा' में एक्ट्रेस अनीत पड्डा को जिस बीमारी से जूझते हुए दिखाया गया है वह कोई काल्पनिक बीमारी नहीं बल्कि एक गंभीर और बढ़ती हुई समस्या है। यह बीमारी है अल्जाइमर जिसे अब तक बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था लेकिन अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। डॉक्टरों के अनुसार यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है जो दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

क्यों बढ़ रहा है अल्जाइमर?

डॉ. प्रवीण गुप्ता, चेयरमैन, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम के अनुसार, अल्जाइमर के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

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आनुवांशिक: अगर परिवार में किसी को पहले अल्जाइमर हुआ है तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है।

जीन म्यूटेशन: APOE नामक जीन में बदलाव भी इसका एक बड़ा कारण है।

सिर में चोट: सिर पर गंभीर चोट लगने से भी यह बीमारी हो सकती है।

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खराब जीवनशैली: अनियंत्रित डायबिटीज, हाइपरटेंशन, धूम्रपान, शराब का सेवन, अत्यधिक तनाव और नींद की कमी जैसे लाइफस्टाइल से जुड़े कारक भी इसे बढ़ावा देते हैं।

कैसे पहचानें अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण?

अल्जाइमर के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और शुरुआत में सामान्य लग सकते हैं:

भूलने की आदत: रोजमर्रा की चीजें जैसे बटुआ, चाबी या अपॉइंटमेंट्स भूल जाना।

बात करने में दिक्कत: बातचीत के दौरान सही शब्द न खोज पाना या चीजों के नाम भूल जाना।

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भ्रम की स्थिति: जगह, समय और लोगों को लेकर भ्रमित रहना।

व्यवहार में बदलाव: मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और व्यक्तित्व में बदलाव।

फैसले लेने में कमी: सामान्य फैसले लेने में भी कठिनाई महसूस करना।

जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है व्यक्ति अपने करीबी लोगों और यहां तक कि खुद की पहचान भी भूलने लगता है।

क्या अल्जाइमर का इलाज संभव है?

अल्जाइमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन कुछ दवाइयां इसकी गति को धीमा कर सकती हैं और मेमोरी को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। शुरुआती चरण में मेमोरी टेस्ट और जेनेटिक स्क्रीनिंग से इसका पता लगाया जा सकता है।

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बचाव के लिए क्या करें?

इस बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपनी जीवनशैली में सुधार करना:

नियमित व्यायाम: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना दिमाग के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

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स्वस्थ आहार: बी विटामिन्स, फल, सब्जियां, नट्स और मछली से भरपूर डाइट लें।

सही नींद: पर्याप्त और अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।

भारत में लगभग 55 लाख लोग डिमेंशिया से प्रभावित हैं जिनमें से ज़्यादातर अल्जाइमर के मरीज हैं। जहां  यह बीमारी 60-65 साल से ऊपर के लोगों में आम है वहीं 5-10% मामलों में यह युवाओं को भी हो सकती है। इसलिए लक्षणों को नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

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