लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां कम होने से भारत के अधिकतर हिस्सों में वायु प्रदूषण कम हुआ: अध्ययन

Edited By Updated: 27 Dec, 2021 10:36 PM

air pollution reduced in most parts of india due to less economic activity

कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारत के अधिकतर हिस्सों में वायु प्रदूषण कम हुआ था, लेकिन उपग्रह के अवलोकनों में दिख रहा है कि मध्य-पश्चिम और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में प्रदूषण बढ़ा है, जो आम प्रवृत्ति के विपरीत है। सरकार

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारत के अधिकतर हिस्सों में वायु प्रदूषण कम हुआ था, लेकिन उपग्रह के अवलोकनों में दिख रहा है कि मध्य-पश्चिम और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में प्रदूषण बढ़ा है, जो आम प्रवृत्ति के विपरीत है। सरकार ने एक अध्ययन के हवाले से सोमवार को यह जानकारी दी। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एआरआईईएस) ने 2018, 2019 और 2020 के लिए ईयूएमईटीएसएटी और नासा के उपग्रह अवलोकनों का इस्तेमाल किया और लॉकडाउन अवधि के दौरान ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड के फैलाव में परिवर्तन पर गतिविधियों के बंद होने के प्रभाव की जांच की। 

अध्ययन के मुताबिक, भारत के मध्य-पश्चिमी भाग में ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह अध्ययन ‘ एनवायरमेंटल साइंसेज़ एंड पॉल्यूशन रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है। परिमाणों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में कार्बन मोनोऑक्साइड में (अधिकतम 31 फीसदी तक) की बढ़ोतरी देखी गई। 

अध्ययन का नेतृत्व एआरआईईएस नैनीताल के वरिष्ठ शोध फेलो प्रज्ज्वल रावत ने अपने शोध पर्यवेक्षक डॉ मनीष नाजा के साथ किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक उपग्रह अवलोकनों के आधार पर भारत के मध्य-पश्चिमी भाग और उत्तर भारत के उन क्षेत्रों की पहचान की है, जहां उच्च वायु प्रदूषण का जोखिम है और वहां रहने वाले लोगों को सांस संबंधी परेशानी होने का अधिक खतरा है। 

मंत्रालय ने कहा कि 2020 में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था, जिससे आर्थिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई थी। बयान के मुताबिक, इससे सतह के पास कुछ अवधि के वायु गुणवत्ता में सुधार आया था। मंत्रालय ने कहा कि उपग्रह आधारित अवलोकन के मुताबिक, भारत के ज्यादातर हिस्सों में प्रदूषकों में कमी देखी गई है। मंत्रालय ने कहा कि कुछ क्षेत्रों जैसे पश्चिमी-मध्य भारत, उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों और सुदूर हिमालय में, ओजोन और अन्य जहरीली गैसों में वृद्धि देखी गई। 

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