Edited By Mehak,Updated: 20 Sep, 2025 02:41 PM

ज्यादातर लोग प्रेग्नेंसी टेस्ट को केवल महिलाओं से जोड़ते हैं। लेकिन, क्या होगा अगर किसी पुरुष का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ जाए? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह किसी मजाक ।की बात नहीं बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। एक्सपर्ट्स के...
नेशनल डेस्क : ज्यादातर लोग प्रेग्नेंसी टेस्ट को केवल महिलाओं से जोड़ते हैं। लेकिन, क्या होगा अगर किसी पुरुष का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ जाए? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह किसी मजाक की बात नहीं बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पुरुषों में पॉजिटिव टेस्ट अक्सर ट्यूमर या कैंसर जैसी बीमारियों का रेड फ्लैग होता है
पुरुषों में पॉजिटिव टेस्ट का कारण
प्रेग्नेंसी टेस्ट शरीर में hCG (human chorionic gonadotropin) नामक हार्मोन की मौजूदगी को जांचता है। यह हार्मोन सामान्यत: महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान बनता है। पुरुषों में यह हार्मोन नहीं होता। लेकिन कुछ मामलों में पुरुषों के शरीर में टेस्टिकुलर कैंसर या अन्य ट्यूमर hCG पैदा कर सकते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है, जो कि एक रेड फ्लैग है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कितना खतरनाक है यह संकेत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुरुषों में पॉजिटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है। अगर समय पर डॉक्टर से संपर्क नहीं किया गया, तो बीमारी तेजी से बढ़ सकती है और जान के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर चर्चा क्यों जरूरी
भारतीय समाज में अक्सर इन्फर्टिलिटी का दोष महिलाओं पर मढ़ा जाता है, जबकि लगभग आधे मामलों में कारण पुरुष भी होते हैं। पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर खुलकर बात करना अभी भी टैबू माना जाता है। इसके चलते कई पुरुष समय पर जांच नहीं कराते और समस्या गंभीर हो जाती है।
पुरुषों की हेल्थ बेहतर बनाने के उपाय
कुछ साधारण बदलाव पुरुषों की रिप्रोडक्टिव और सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं:
1. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं – समय पर चेकअप गंभीर बीमारियों को रोक सकता है।
2. स्मोकिंग और शराब से दूरी – ये आदतें रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर बुरा असर डालती हैं।
3. जेनिटल एरिया की साफ-सफाई – सही हाइजीन से इन्फेक्शन से बचाव होता है।
4. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव कम करना जरूरी है।
5. सेफ सेक्स अपनाएं – यौन संक्रमण (STIs) से बचाव के लिए कंडोम या अन्य फिजिकल बैरियर्स का इस्तेमाल करें और समय-समय पर टेस्ट कराएं।