पीएम मोदी को उम्मीदों भरी चिट्ठी लिखकर दुनिया छोड़ गई आंचल, मिला 19 पन्ने का सुसाइड नोट

Edited By Yaspal,Updated: 17 Aug, 2020 11:33 PM

anchal left the world by writing a letter of hope to pm modi

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बबराला की रहने वाली 15 वर्षीय छात्रा आंचल गोस्वामी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले आंचल ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम 19 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें आंचल ने घर परिवार नही बल्कि देश और समाज के हालात पर...

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बबराला की रहने वाली 15 वर्षीय छात्रा आंचल गोस्वामी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले आंचल ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम 19 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें आंचल ने घर परिवार नही बल्कि देश और समाज के हालात पर चिंता जताई। बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती जनसंख्या जैसे मुद्दे उठाकर प्रधानमंत्री से समाधान की उम्मीद जताई। परिजन आंचल का अखिरी खत प्रधानमंत्री तक हर हाल में पहुंचाने की बात कह रहे हैं।

आंचल ने सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि देश में कई पीएम हुए पर माननीय प्रधानमंत्री जी आप जैसा कोई नहीं। मेरे हृदय में आपके लिए अत्यधिक सम्मान है, काश मैं अपनी उम्र आपको दे पाती। आपमें संस्कार कूट-कूटकर निवास करते हैं। यह देश वर्षों से अंधेरे में था और आप पहले सूर्य बनकर उभरे हैं। प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पर्सनल मीटिंग करना चाहती थी, परंतु यह असंभव है क्योंकि आप खुद को ही समय नहीं दे पाते हो। निरंतर देश की सेवा में लगे रहते हो। श्री राम मंदिर का शिलान्यास होने को लेकर कहा, बरसों से अधूरे पड़े कार्यों को आपने पूर्ण किया, जय श्री राम। परिस्थितियां बड़ी अनमोल होती हैं, क्योंकि कभी हमें पार लगा देती है तो कभी डुबो देती हैं। मैं निराकार अर्थात शिव के निष्काल रूप से प्रार्थना करती हूं कि भारत को मजबूत बनाएं, अमर बनाएं। भारत तो औषधि का देश है, पर अब प्रदूषित हवा हर जगह फैल रही है। प्रधानमंत्री जी... क्या आप मेरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकेंगे।

प्रदूषण पर जताई चिंता, सुझाये उपाय
आंचल ने लिखा कि प्रधानमंत्री आप जानते हैं कि चाइना भारत को खिलौने आदि प्लास्टिक का सामान भेजता है। वह खिलौने महीने तो दूर कुछ ही दिन चलते हैं और वह कूड़ा भारत की जमीन को और जहरीला बना देता है। लोग सड़कों पर कूड़ा फैलाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाए तथा उन्हें डस्टबिन उपलब्ध कराए जायें। छोटी नदियों के आधा किलोमीटर तथा बड़ी नदियों के एक किलोमीटर तक वृक्षों का रोपण करवाएं इससे बहुत अधिक फायदा होगा। आप वाटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर दें।

प्रदूषण रोकने को यह भी दिये सुझाव
दीपावली पर पटाखे पर प्रतिबंध लगा दीजिए। सिर्फ फुलझड़ी का उपायोग करने की इजाजत हो। बिजली की लाइट झालर की जगह माटी के दिया और मोमबत्ती पर जोर दें।होली पर केमिकल वाले रंगों का उपयोग कम करवायें। जैसे हम अपने मस्तक पर टीका लगाते हैं सिर्फ उसी भाग पर रंग लगाया जाए।  बरगद के पेड़ अधिक लगवायें और सड़क के रास्ते पर आम और लीची के पौधे लगवायें। किसी का पेट भी भरेगा और पेड़ छांव भी प्रदान करेगा। कुछ लोगों के पास सौ डेढ़ सौ बीघा जमीन है। उनसे आधी जमीन लेकर पेड़-पौधे लगाये जाएं। आप सोलर पैनल योजना बनायें। जिस घर में जितनी बिजली की खपत हो उसी के हिसाब से छतों पर पैनल लगायें। इससे बिजली की समस्या का समाधान होगा क्योंकि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं पहुंच पाती है।

जनसंख्या रोकने को बनायें संख्त कानून
आंचल ने सुसाइड नोट में लिखा कि प्रधानमंत्री जी भारत की आबादी 135 करोड़ हो चुकी है। वह दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इससे संसाधन की पूर्ति करना असंभव हो जायेगा, इसलिए दो से अधिक बच्चे होने पर सख्त से सख्त कानून बनाएं तथा ऐसे लोगों को जेल भेजने के साथ ही रुपया भी वसूला जाये। इससे प्रदूषण भी कम होगा सभी प्रकार का। भारत में फिर अधिक कृषि जमीन हो जाएगी और वह अनाज का एक्सपोर्ट करेगा। मैं जानती हूं यह लंबा समय लेगा पर अगर प्रधानमंत्री जी आपने नहीं किया तो शायद ही कोई करे।

मनमानी करने वाले डाक्टरों पर भी हो कार्रवाई
प्रधानमंत्री जी कई बार डाक्टर दवाओं पर अधिक पैसे लेते हैं। ऐसे डाक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। आम आदमी या मरीज का उत्पीड़न होता है। इस विषय में सहायता के लिए आप हॉस्पिटल में एक पोस्टर लगवायें। किसी का उत्पीड़न हो या ज्यादा पैसा वसूला जाये तो शिकायत कर सकें।

इसलिए मुझे नहीं पसंद यह दुनिया
मेरा नाम आंचल गोस्वामी है, मुझे यह दुनिया पसंद नहीं है, क्योंकि यहां पर लोग झगड़े करते हैं। मां-बाप को वृद्ध आश्रम भेज देते हैं उनके साथ गाली-गलौज मारपीट करते हैं। लोग पेड़-पौधे अपने हितों के लिए काटते हैं। वह जानवरों पर अत्याचार करते हैं। जो लोग मांसाहार का सेवन करते हैं ऐसे लोग मुझे बुरे लगते हैं। नफरत है ऐसे लोगों से जो अपने राष्ट्रगान पर खड़े होने से कतराते हैं। देश विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। ऐसे लोगों को देश से निकाल देना जरूरी है।

सैंजना एहरान में बनवाएं बड़ा मठ, हटवाएं मांसाहार का होटल
निराकार शिव का निष्काम रूप शिव भगवान के 101 गणों की पूजा अर्चना के लिए ग्राम सैंजना एहरान में दुर्गा गिरि अंश के गोस्वामी गुरु होते हैं। कृपया आप उस मठ का भव्य मंदिर निर्माण करवा दें। जब हम गांव में प्रवेश करते हैं तो वहां मांसाहार का होटल है कृपया उसे उस जगह से हटवा दें। मठ को बड़ा बनवा देना, सुंदर। यह मेरी आखिरी इच्छा है।
आत्महत्या के लिए नहीं कोई जिम्मेदार
अंत में आंचल ने लिखा..मेरा प्रधानमंत्री आपको नमन है। मैं आत्महत्या अपनी इच्छा से कर रही हूं। इसका कोई भी जिम्मेदार नहीं है, न कोई घर वाला न कोई बाहर वाला। मम्मी से माफी मांगना चाहती हूं। मम्मी पता नहीं मुझे क्या हो गया है। ऐसा लगता है कि कोई मुझे जीते हुए नहीं देखना चाहता। मैं मजबूर हूं, मेरे दिमाग ने क्या बना दिया, नर्क कर दी है मेरी जिंदगी। हां यह शरीर सिर्फ कपड़ा है जो कमजोर था... अलविदा

 

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