self antibiotic: खुद से एंटीबायोटिक लेने वाले हो जाए सावधान—डॉक्टरों की चेतावनी: आगे चल कर होंगी ये खतरनाक दिक्कतें

Edited By Updated: 19 Nov, 2025 03:45 PM

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बीमारी होते ही घर की दवाइयों वाली डिब्बी खोलकर कोई भी गोली खा लेने की आदत पहले आम थी, अब खतरनाक बन चुकी है। बुखार, खांसी, गले में दर्द—इन सब में लोग तुरंत एंटीबायोटिक ले लेते हैं ताकि जल्दी आराम मिल जाए। लेकिन विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं कि यही “झटपट...

नेशनल डेस्क: बीमारी होते ही घर की दवाइयों वाली डिब्बी खोलकर कोई भी गोली खा लेने की आदत पहले आम थी, अब खतरनाक बन चुकी है। बुखार, खांसी, गले में दर्द—इन सब में लोग तुरंत एंटीबायोटिक ले लेते हैं ताकि जल्दी आराम मिल जाए। लेकिन विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं कि यही “झटपट इलाज” आगे चलकर गंभीर खतरा बन रहा है। एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस, जिसे कभी भविष्य का खतरा समझा जाता था, अब तेज़ी से फैलता वास्तविक संकट बन चुका है। गलत दवा लेने से साधारण संक्रमण भी शरीर पर भारी पड़ने लगे हैं।

अब एंटीबायोटिक पहले जितनी असरदार क्यों नहीं?

सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की एक विशेषज्ञ बताती हैं कि एंटीबायोटिक कभी चमत्कारिक इलाज मानी जाती थीं, लेकिन इनके अनियंत्रित इस्तेमाल ने बैक्टीरिया को और मजबूत बना दिया। विशेषज्ञ के अनुसार—

इसकी वजह है:

  • खुद से दवा लेना,

  • गलत दवा चुन लेना,

  • और बीच में ही दवा छोड़ देना।

यही कारण है कि अब कई इंफेक्शन का इलाज ज्यादा जटिल, खर्चीला और जोखिम भरा हो गया है।

WHO की चेतावनी: वैश्विक स्तर पर बड़ा खतरा

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बताया है। भारत में यह समस्या ज्यादा तेज़ी से बढ़ रही है क्योंकि—

  • बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाएं आसानी से मिल जाती हैं,

  • कई जगह दवा देने का तरीका गलत है,

  • लोग डॉक्टर की सलाह लेने में लापरवाही करते हैं।

विशेषज्ञ कहती हैं, “यह केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं है। अगर एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल जारी रहा, तो दवा-रोधी बैक्टीरिया पूरी कम्युनिटी में फैलते जाएंगे।”

कैसे बचें इस बढ़ते खतरे से?

1. खुद से एंटीबायोटिक लेना बंद करें

घर में बची हुई गोलियां लेना फायदेमंद नहीं, उल्टा नुकसानदायक है।
साधारण जुकाम, वायरल बुखार में एंटीबायोटिक की जरूरत ही नहीं होती।

2. दवा का पूरा कोर्स खत्म करें

थोड़ा बेहतर महसूस होते ही दवा छोड़ देना सबसे बड़ी भूल है।
ऐसा करने से सबसे ताकतवर बैक्टीरिया बच जाते हैं और रेजिस्टेंट बन जाते हैं।

3. डॉक्टर से एंटीबायोटिक लिखने की जिद न करें

हर बीमारी में एंटीबायोटिक जरूरी नहीं होती।
डॉक्टर का निर्णय ही सही इलाज तय करता है।

नतीजा? आज की लापरवाही—कल का गंभीर खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अगर खुद से दवा लेने की यह आदत नहीं बदली, तो आने वाले वर्षों में एंटीबायोटिक बेअसर हो जाएंगी और छोटी बीमारियां भी बड़ी चुनौती बन सकती हैं।

 

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