एयर इंडिया के विमानों में चूहे ‘भोजन में काक्रोच व छिपकलियां’

Edited By ,Updated: 02 Aug, 2015 12:30 AM

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हालांकि एयर इंडिया को भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा होने का श्रेय प्राप्त है परन्तु प्रबंधन की अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, हड़तालों, पायलटों एवं अन्य स्टाफ की

हालांकि एयर इंडिया को भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा होने का श्रेय प्राप्त है परन्तु प्रबंधन की अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, हड़तालों, पायलटों एवं अन्य स्टाफ की मनमानियों, उड़ानों में विलम्ब, बोगस ओवरटाइम बिलों, भोजन में त्रुटियों तथा विमानों के अंदर चूहों की उछल-कूद के कारण अब यह अपना ‘राष्ट्रीय गौरव’ का दर्जा खोती जा रही है।

* 7 अगस्त, 2014 को कोलकाता से दिल्ली आ रही एयर बस ए-321 में एक चूहा घुस आया। इसका पता चालक को विमान के दिल्ली पहुंचने पर चला तो विमान को ‘फ्यूमीगेशन’ (कीटाणु रहित करने के लिए उसमें छिड़काव करना) के लिए भेज दिया गया। 
 
* 26 मई, 2015 को लेह से दिल्ली जाने को तैयार एयर इंडिया की एयर बस ए-320 को किसी तकनीकी खराबी के कारण नहीं बल्कि विमान के अंदर धमाचौकड़ी मचाते हुए चूहों को देख कर हवाई अड्डे पर ही रोकना पड़ा। 
 
* 13 जून, 2015 को नई दिल्ली से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग-787 ड्रीम लाइनर विमान के भोजन में छिपकली मिलने के आरोप लगे। 
 
* 20 जून, 2015 को पटना से दिल्ली उड़ान के दौरान एयर इंडिया के भोजन में काक्रोच निकला जबकि यात्री आधा खाना खा चुका था। यात्री ने उसकी तस्वीरें खींच कर अधिकारियों से शिकायत की जिस पर एयर इंडिया को उससे माफी मांगनी पड़ी। यात्री का कहना था कि वह हमेशा एयर इंडिया के विमानों से ही सफर करता था लेकिन अब उसे सोचना पड़ेगा।
 
* 28 जुलाई को मुम्बई से नेवार्क  (अमरीका) जाने वाले एयर इंडिया के विमान ए.आई. 191 ने अपने निर्धारित समय से 15 घंटे देरी से उड़ान भरी। इस कारण कुछ यात्री तो अपनी बुकिंग रद्द करके घर वापस चले गए। 
 
और अब 30 जुलाई को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 200 यात्रियों को लेकर मिलान (इटली) के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की उड़ान संख्या ए.आई.-123 को एक चूहे के कारण लगभग 4 घंटे की उड़ान के बाद यात्रा को बीच में ही छोड़कर वापस नई दिल्ली लौटना पड़ा। 
 
विमान उस समय पाकिस्तान के ऊपर उड़ रहा था जब कुछ यात्रियों  तथा चालक दल ने कैबिन में एक चूहा देखा। इस पर सुरक्षा की दृष्टि से विमान के लिए जल्दी से जल्दी वापस दिल्ली लौटना जरूरी हो गया। चूंकि विमान में इटली की लम्बी उड़ान के लिए ईंधन भरा था इसलिए चालकों ने विमान हल्का करने के लिए भारी मात्रा में ईंधन गिरा दिया। 
 
जानकारों का मानना है कि चूहे किसी विमान के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकते हैं क्योंकि ये विमान में लगे सैंकड़ों तारों में से किसी को भी कुतर कर इसे क्षति पहुंचा सकते हैं। ऐसी स्थिति में पायलटों का विमान पर नियंत्रण नहीं रहता जिससे कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है।
 
पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मौके आए हैं जब एयर इंडिया के विमानों में चूहों के कारण स्थानीय उड़ानें लेट हुईं पर अब तो इसकी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में भी चूहे नजर आने लगे हैं। नियमानुसार किसी भी विमान में जब भी कोई चूहा या कोई अन्य कुतरने वाला जीव दिखाई देता है तो ‘फ्यूमीगेशन’ करनी पड़ती है परंतु भारत के कई हवाई अड्डों पर यह सुविधा नहीं है। 
 
हालांकि एयर इंडिया के प्रबंधकों का कहना है कि विमानों में चूहे ‘केटरिंग वैनों’ द्वारा यात्रियों के लिए सप्लाई किए जाने वाले भोजन के डिब्बों को विमान में लादने के समय उनके साथ आ जाते हैं परंतु चूहों से विमान तथा विमान यात्रियों को खतरा होने की जानकारी के बावजूद विमानों की समुचित जांच न करना सुरक्षा सम्बन्धी कई प्रश्न उत्पन्न करता है। 
 
इस समय 5547.47 करोड़ के घाटे में चल रही एयर इंडिया को अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने 800 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है परंतु यदि इसमें इसी प्रकार अनियमितताएं होती रहेंगी तो फिर इसे जीवित रखने के लिए चाहे जितनी सहायता दी जाए इसकी स्थिति सुधरने वाली नहीं।
 
समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध करने वाली विमान सेवाओं में आज एयर इंडिया सबसे नीचे की पायदान पर पहुंच चुकी है और लगातार पिछड़ती जा रही है। ऐसे में यदि इसके प्रबंधन में शीघ्र सुधार न किया गया तो हमारी यह राष्ट्रीय विमान सेवा कहीं इतिहास बन कर न रह जाए!

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