Edited By Shubham Anand,Updated: 18 Jul, 2025 02:37 PM

तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी और नए-नए टूल्स के चलते अब किसी भी भाषा को समझना और लिखना काफी आसान हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Facebook, Instagram, X और Google पर मल्टीपल भाषाओं में ट्रांसलेशन की सुविधा मिलने से लोग आसानी से विभिन्न भाषाओं में...
नेशनल डेस्क : तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी और नए-नए टूल्स के चलते अब किसी भी भाषा को समझना और लिखना काफी आसान हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Facebook, Instagram, X और Google पर मल्टीपल भाषाओं में ट्रांसलेशन की सुविधा मिलने से लोग आसानी से विभिन्न भाषाओं में संवाद कर पा रहे हैं। लेकिन, इन प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऑटो-ट्रांसलेशन टूल्स की विश्वसनीयता पर अभी भी सवाल बने हुए हैं। कई बार गलत अनुवाद की वजह से गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं, जो गंभीर परिणाम भी दे सकती हैं।
ताजा मामला क्या है?
हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़ा एक विवाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। Meta (पूर्व में Facebook) के ऑटो-ट्रांसलेशन फीचर की एक बड़ी गलती के कारण कंपनी को माफी मांगनी पड़ी। कर्नाटक सीएम कार्यालय द्वारा बी. सरोजा देवी की मौत पर कन्नड़ भाषा में शोक संदेश Facebook और Instagram पर पोस्ट किया गया था, लेकिन Meta के ऑटो-ट्रांसलेशन टूल ने इस संदेश का अंग्रेजी में ऐसा गलत अनुवाद कर दिया कि ऐसा प्रतीत हुआ जैसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का निधन हो गया हो।
इस गलत अनुवाद से कर्नाटक सीएम कार्यालय नाराज हो गया और उन्होंने Meta को इस गलती की जानकारी दी। इसके बाद Meta ने माफी मांगते हुए कहा कि वे इस समस्या को जल्द ठीक करेंगे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि मेटा जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कन्नड़ भाषा के ट्रांसलेशन में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यूजर्स को भी ऑटो-ट्रांसलेशन टूल का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहने की सलाह दी।
ऑटो-ट्रांसलेशन टूल इस्तेमाल करते समय बरतें ये सावधानियां
1. ऑटो-ट्रांसलेशन टूल हमेशा सही नहीं होते, खासकर मुहावरों और स्थानीय बोलचाल की भाषा का अनुवाद करते समय ये गलतियां कर सकते हैं। इसलिए अनुवादित टेक्स्ट को ध्यान से पढ़ें और जरूरी हो तो तथ्यों को क्रॉस चेक करें।
2. ट्रांसलेशन के लिए जितना संभव हो, सरल और साफ भाषा का इस्तेमाल करें। जटिल मुहावरे या अनौपचारिक भाषा टूल्स को भ्रमित कर सकती है।
3. वर्ड-टू-वर्ड अनुवाद पर पूरी तरह भरोसा न करें। अनुवादित हर लाइन का संदर्भ (कॉन्टेक्स्ट) समझना जरूरी है ताकि भाव की सही पकड़ बनी रहे।
4. महत्वपूर्ण दस्तावेजों के लिए ऑटो-ट्रांसलेशन का कम से कम इस्तेमाल करें। अगर करना ही हो, तो अलग-अलग टूल्स से अनुवाद करके तुलना करें।
5. हमेशा अपने पोस्ट को ट्रांसलेट करने के बाद पुनः जांचें ताकि कोई गलतफहमी न पैदा हो।
इन सावधानियों का पालन करने से सोशल मीडिया पर आपके संदेश का भाव सही ढंग से पहुंचेगा और गलतफहमियों से बचा जा सकेगा।