Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2020 10:27 PM
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 11 अगस्त को बेंगलुरू में एक पुलिस थाने पर हुए हमले के एक कथित षड्यंत्रकर्ता सैयद सादिक अली को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बेंगलुरु निवासी अली (44) फरार चल रहा था। वह केजी हल्ली पुलिस...
बेंगलुरूः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 11 अगस्त को बेंगलुरू में एक पुलिस थाने पर हुए हमले के एक कथित षड्यंत्रकर्ता सैयद सादिक अली को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बेंगलुरु निवासी अली (44) फरार चल रहा था। वह केजी हल्ली पुलिस थाने पर हमले में कथित तौर पर संलिप्त था, जिसके चलते पुलिस थाना परिसर में और आसपास के इलाकों में खड़े वाहनों सहित सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
जांच एजेंसी ने बताया कि 11 अगस्त को 3,000 से अधिक लोगों ने हिंसक तरीका अपनाते हुए कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति, उनकी बहन जयंती और देवारा जीवनहल्ली के आवासों तथा कडुगोंडनहल्ली(केजी) पुलिस थाने को आग लगा दी थी। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने हिंसा की साजिश की अपनी जांच के तहत बेंगलुरु में 30 स्थानों पर तलाशी ली है। पैगंबर मुहम्मद के बारे में सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डाले जाने के कारण हिंसा भड़क गई थी।
एनआईए महानिरीक्षक सोनिया नारंग ने एक बयान में कहा, ‘‘तलाशी के दौरान एयर गन, छर्रे, धारदार हथियार, सरिया, डिजिटल उपकरण, डीवीआर तथा एसडीपीआई और पीएफआई से जुई कई आपत्तिजनक दस्तावेज एवं सामग्री जब्त की गई।'' उन्होंने बताया, ‘‘ सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के प्रदेश सचिव मुजमिल पाशा और एसडीपीआई/पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के अन्य सदस्यों ने नवीन, अखंड श्रीनिवास मूर्ति के आवास पर तथा डीजी हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थाने के परिसरों के बाहर भीड़ इकट्ठा की, जिन्होंने परिसरों में तोड़फोड़ की और आगजनी की। साथ ही, लोगों के बीच दहशत पैदा की।''
उल्लेखनीय है कि जांच एजेंसी ने कुछ ही दिन पहले उन दो मामलों की जांच की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली है, जिनमें शहर की पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप दर्ज किये थे। एनआईए के मुताबिक अली एक बैंक के वसूली एजेंट के रूप में काम करता है और वह 11 अगस्त से फरार था। बेंगलुरु पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 65 मामले दर्ज किये थे और 350 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से तीन की मौत पुलिस गोलीबारी में हुई थी।