Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Nov, 2025 05:15 PM

बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में RJD ने सरायरंजन क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर बिखरी VVPAT पर्चियों का वीडियो जारी कर EVM में धांधली का आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) को निलंबित कर...
नेशनल डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के बीच शुक्रवार को एक सनसनीखेज वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर बिखरी सैकड़ों VVPAT पर्चियों का वीडियो जारी कर EVM में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया। वीडियो वायरल होते ही चुनाव आयोग हरकत में आया और तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ FIR भी दर्ज कर दी गई।
चुनाव आयोग का सख्त एक्शन
मामला सामने आते ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने समस्तीपुर के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी को तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच करने का आदेश दिया। डीएम ने तत्काल टीम भेजी और जांच पूरी की। “ये सभी VVPAT पर्चियां मॉक पोल की हैं, जिन्हें मतदान शुरू होने से पहले टेस्टिंग के लिए निकाला जाता है। असली मतदान की एक भी पर्ची इसमें शामिल नहीं है। मतदान प्रक्रिया की शुचिता पर कोई सवाल नहीं उठता। फिर भी लापरवाही बरतने के लिए संबंधित ARO को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा उनके खिलाफ धारा 188 के तहत FIR दर्ज कर दी गई है।”
उम्मीदवारों को दी गई पूरी जानकारी
जिलाधिकारी ने सरायरंजन सीट से चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को फोन कर पूरी स्थिति से अवगत कराया और मॉक पोल पर्चियां होने की पुष्टि की। सभी प्रत्याशियों को मौके पर बुलाकर पर्चियां दिखाई गईं।
RJD प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “चुनाव आयोग चाहे जितनी सफाई दे, सच्चाई ये है कि VVPAT पर्चियां सड़क पर फेंकी गईं। मॉक पोल की आड़ में असली पर्चियां नष्ट करने की साजिश थी। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और पूरे बिहार में 100% VVPAT वेरिफिकेशन की मांग करेंगे।”
चुनाव आयोग की दो टूक: “कोई गड़बड़ नहीं, कार्रवाई जारी”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने समस्तीपुर के जिला मजिस्ट्रेट को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। जांच में यह पाया गया कि सड़क पर पाई गई वीवीपैट पर्चियां मॉक पोल (Mock Poll) की हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की शुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा है। डीएम ने इस मामले की जानकारी चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को दे दी है। वहीं, संबंधित एआरओ की लापरवाही के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया है और एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।