Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Mar, 2022 01:24 PM
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा और आगजनी की घटना पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तथ्यान्वेषी समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को सौंप दी।
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा और आगजनी की घटना पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तथ्यान्वेषी समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को सौंप दी। समिति के अपनी रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व की तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं।
तृणमूल की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया
समिति ने कहा है कि राज्य सरकार हिंसा का सच सामने नहीं आने दे रही है। यह हिंसा सुनियोजित थी तथा पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में हुई। समिति ने आरोप लगाया है कि इस ‘नरसंहार' में राज्य का प्रशासनिक अमला शामिल था तथा पश्चिम बंगाल के माफिया और तृणमूल की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आग से बचने के लिए भागने वाले लोगों को पकड़कर उनकी हत्या की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
चार पूर्व आईपीएस थे जांच समिति में शामिल
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग को हिंसा प्रभावित गांव का दौरा कर लोगों में व्याप्त डर को खत्म करना चाहिए। समिति में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं सांसद ब्रजलाल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त एवं सांसद सत्यपाल सिंह, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी एवं सांसद केसी राममूर्ति, पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष सदस्य हैं।